Shimla:हिमाचल में शिक्षा विभाग 6297 पदों पर रेगुलर के बजाय आउटसोर्स माध्यम से नर्सरी टीचर ट्रेनर रखेगा। इन्हें प्रतिमाह 10 हजार रुपये वेतन मिलेगा। साल में दस माह के लिए ही वेतन दिया जाएगा। दो माह की छुट्टियों की अदायगी नहीं की जाएगी। शिक्षा विभाग ने पॉलिसी नोटिफाई कर दी है। पॉलिसी के तहत 2 वर्षीय डिप्लोमाधारकों को ही नौकरी पर रखा जाएगा। ऐसे में उन बेरोजगार युवाओं की उम्मीदों को झटका लगा है, जिन्होंने NTT में एक वर्षीय डिप्लोमा कर रखा है। प्रदेश के अधिकांश बेरोजगारों ने एक साल का ही डिप्लोमा कर रखा है।
इस वजह से एनटीटी की भर्तियां पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल से लेकर लटकी रही। पूर्व व मौजूदा सरकार ने कई बार नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) से मामला उठाकर एक वर्षीय डिप्लोमा को भी मान्यता देने का आग्रह किया। मगर ऐसा नहीं हो पाया।
हिमाचल कैबिनेट द्वारा बीते 21 जून को मंजूरी के बाद शिक्षा विभाग ने इन पदों को आउटसोर्स आधार पर हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन के माध्यम से भर्ती करने का निर्णय लिया है।
प्रत्येक जिले में प्राथमिक शिक्षा के उप निदेशक के समग्र नियंत्रण में रहते हुए प्रशिक्षक स्कूल के सबसे वरिष्ठ शिक्षक की देखरेख में काम करेंगे। राज्य सरकार की मंजूरी के बिना किसी भी प्रशिक्षक को वियोजन से मुक्त नहीं किया जा सकेगा। नामांकन भिन्नता या प्रशासनिक कारणों से प्राथमिक शिक्षा निदेशक के परामर्श से स्थानांतरण हो सकेंगे।
- मान्यता प्राप्त संस्थान से नर्सरी शिक्षक शिक्षा, प्री-स्कूल शिक्षा, प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा कार्यक्रम (कम से कम दो वर्ष का) में डिप्लोमा या बीएड (नर्सरी) होना चाहिए।
- एससी/एसटी/ओबीसी/पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए योग्यता अंकों में 5 प्रतिशत की छूट रहेगी।
- हिमाचल प्रदेश के बाहर के संस्थानों से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को वास्तविक हिमाचली होना आवश्यक रहेगा।
- धोखाधड़ी को रोकने के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी उम्मीदवारों की उचित स्क्रीनिंग करेगी। डिप्लोमा प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता के लिए सत्यापन किया जाएगा।
- एनसीटीई-मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिप्लोमा वाले उम्मीदवारों पर ही विचार किया जाएगा। किसी प्रशिक्षक के जाने की स्थिति में आउटसोर्स एजेंसी को 14 दिनों के भीतर उपयुक्त प्रतिस्थापन प्रदान करना होगा।