असंध में चुनावी रैली में राहुल गांधी गरजे
Chandigarh: हरियाणा के असंध में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला किया । उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने देश के युवाओं के लिए सभी अवसरों के दरवाजे बंद कर दिए हैं, जिसके चलते वे विदेश जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि उन्हें वहां हरियाणा से आए हजारों लोगों से मिलने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि मैंने उन युवाओं से मुलाकात की, जो छोटे-छोटे कमरों में 15-20 लोगों के साथ रहने को मजबूर हैं। वे कई खतरनाक रास्तों और जोखिम भरे सफर के बाद अमेरिका पहुंचे, जहां उन्हें जंगल और पहाड़ों से गुजरते हुए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई ने अपनी जान गंवा दी।”
LIVE: Shri @RahulGandhi addresses the public in Assandh, Haryana. https://t.co/6EWKOSWrsB
— Congress (@INCIndia) September 26, 2024
राहुल गांधी ने बताया कि इन युवाओं ने उन्हें बताया कि अमेरिका पहुंचने के लिए उन्हें 35 लाख रुपये तक खर्च करने पड़े, जिसके लिए किसी ने अपने खेत बेच दिए, तो किसी ने कर्ज लिया। उन्होंने युवाओं से सवाल किया कि इतने पैसे में वे हरियाणा में ही बिजनेस क्यों नहीं शुरू कर सके, जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि हरियाणा में 50 लाख रुपये लगाने पर भी बिजनेस सफल नहीं हो पाता।
राहुल गांधी ने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा, “आज हरियाणा में गरीब युवाओं के लिए कोई अवसर नहीं बचा है। अगर कोई युवा अरबपति का बेटा नहीं है, तो उसे बैंक से लोन नहीं मिलेगा, वह बिजनेस नहीं कर पाएगा, सेना में नहीं जा पाएगा और ना ही सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरी मिल पाएगी। मोदी सरकार ने युवाओं के लिए सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं।”
राहुल गांधी ने अमेरिका में भारतीय प्रवासियों से मिलने के दौरान उनकी कठिनाइयों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कई युवाओं ने उन्हें बताया कि वे 10 साल से अपने परिवार से नहीं मिल पाएंगे और जब फोन पर बात होती है तो उनके परिवारजन यह यकीन नहीं कर पाते कि वे ठीक हैं।
राहुल गांधी ने अपनी भावुकता व्यक्त करते हुए कहा, “इन युवाओं ने मुझसे अनुरोध किया कि जब मैं भारत लौटूं तो उनके परिवारों से मिलकर उन्हें यह बताऊं कि वे ठीक हैं।”
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में हरियाणा के युवाओं की मुश्किलों को उजागर करते हुए मोदी सरकार की नीतियों को कटघरे में खड़ा किया और राज्य में रोजगार के अवसरों की कमी पर चिंता जताई।