प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल दौरे पर दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में सांझी संस्कृति का रुख किया। नागरिक अभिनंदन समारोह में जनकपुर की जनता को मोदी ने संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत और नेपाल के संबंधों को युगों पुराना बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि नेपाल के बिना भारत के धाम भी अधूरे हैं और राम भी। उन्होंने दोनों कहा कि भारत और नेपाल के संबंध किसी रणनीति या कूटनीति के मोहताज नहीं हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की नेपाल यात्रा पर हैं। पहले दिन उन्होंने जनकपुर स्थित जानकी मंदिर का दौरा किया। इस दौरान प्रधावनमंत्री ने विडिटर्स बुक में एक लंबा नोट भी लिखा। प्रधानमंत्री ने लिखा, "जनकपुर धाम की यात्रा करने की मेरी बहुत पुरानी इच्छा पूरी हुई। भारत और नेपाल के लोगों के दिनों में विषेष महत्व रखने वाले इस तीर्थ स्थल की यात्रा मेरे लिए एक यादगार अनुभव है।"
जनकपुर में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'भारत और नेपाल की मित्रता आज की नहीं बल्कि त्रेता युग की है। राजा दशरथ और राजा जनक ने जनकपुरी और अयोध्या को ही नहीं बल्कि नेपाल और भारत को भी एक बंधन में बांधा था।' पीएम मोदी ने कहा, 'हमारी प्रकृति भी एक है और संस्कृति भी, दृष्टि भी समान है और सृष्टि भी, चाह और राह भी समान है। नेपाल के बिना भारत की आस्था भी अधूरी है। नेपाल के बिना हमारे धाम भी अधूरे हैं और राम भी।'
मोदी ने कहा, 'जनकपुर धाम आकर ऐसा नहीं लगा कि किसी दूसरे देश आया हूं। यहां सब अपने ही तो हैं। नेपाल अध्यात्म और दर्शन का केंद्र रहा है। लुंबिनी में ही बुद्ध का जन्म हुआ था। ये वह धरती है, जिसने बताया कि बेटियों को कैसे सम्मान दिया जाता है।'