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बिलासपुर में स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल, अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी से मरीज परेशान

सुनील ठाकुर |

जिला बिलासपुर में स्वास्थ्य सेवाएं एक बार फिर से चरमरा गई है। इस कारण मरीजों को कई परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है। दूरदराज के क्षेत्रों से आए मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है और वे अन्य शहरों का रुख कर रहे हैं।

वहीं, दूसरी तरफ सरकार में बैठे बीजेपी विधायक जगह-जगह जाकर स्वास्थ्य सेवाएं को बेहतर बनाने का ढिंढोरा पीटते थक नहीं रहे हैं। ग्रामीण स्वास्थ केन्द्रों के बाहर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करके सोई हुई सरकार को कुंभकर्णी नींद से जगाने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ मामलों में अस्पतालों में कार्यरत डाक्टरों को बीजेपी के लोग धमकियां दे रहे हैं तथा डाक्टर अपने तबादले जिला से बाहर करवा रहे हैं और अस्पताल डाक्टरों से खाली हो रहे हैं।

स्थानीय विधायक मस्त हैं और जनता त्रस्त है। ऐसा ही मंजर झंडूता विधान सभा क्षेत्र के तहत आने वाले अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप- स्वास्थ्य केन्द्रों में मेडिकल स्टाफ के अनेक पद रिक्त चले हैं जिनमे झंडूता बीएमओ का पद रिक्त है और झुंडूता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों के तीन पद खाली हैं

वहीं, बरठी सिविल अस्पताल और तलाई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों के पद खाली, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गेहडवीं में डाक्टरों के पद खाली हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कलोल में एक डाक्टर का पद रिक्त है तथा मरोतन में कोई डाक्टर नहीं है।
 
ऋषिकेश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोई भी मेडिकल स्टाफ का पद स्वीकृत नहीं है और काम जुगाड़ से चल रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का 4 पंचायतों के लोगों के साथ मजाक है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बूहाड़ और गाह-गोडी में डाक्टरों के पद खाली है। झंडूता स्वास्थ्य विभाग के तहत आने वाले सभी उपस्वास्थ्य केन्द्रों में मेल हैल्थ वर्कर के सभी पद खाली है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि अस्पताल में कोई भी डॉक्टर न होने कारण निजी अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ रहा है। इससे पैसा और समय दोनों बर्बाद हो रहा है। सरकार द्वारा गरीबों के लिए योजनाएं चलाई हैं लेकिन, उनको समय पर उसका लाभ नहीं मिल पर रहा है।
    
स्थानीय लोगों ने विधायक से अनुरोध किया है कि स्वास्थ्य विभाग को जुगाड़ से न चलाएं बल्कि, मेडिकल स्टाफ के रिक्त पड़े दर्जनों पदों की मांग को विधान सभा में उठाएं ताकि डाक्टरों के दर्जनों पद स्वीकृत हो सकें।

उधर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी वीके चौधरी ने बताया कि जिला में रिक्त पड़े मेडिकल स्टाप की रिपोर्ट मेडिकल विभाग को भेज दी है जब भी सरकार द्वारा मेडिकल स्टाप की नियुक्तिया होंगी तुरंत खाली पदों को भर दिया जाएगा।