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राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना से हिमाचल के किसानों को बड़ा लाभ: बाली

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Rajiv Gandhi Natural Farming Start-Up Scheme: पर्यटन निगम के अध्यक्ष और कैबिनेट रैंक के नेता आरएस बाली ने आज कहा कि हिमाचल प्रदेश की ‘राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना’ राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगी और किसानों के जीवनस्तर में सुधार लाएगी। उन्होंने यह विचार कांगड़ा में अपने आवास पर लोगों की समस्याएं सुनने के बाद व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि सरकार ने ‘आत्मनिर्भर हिमाचल’ की परिकल्पना के तहत इस योजना का तीसरा चरण शुरू किया है। इसका उद्देश्य खेती की लागत को कम करना, आय बढ़ाना और किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ना है। इस योजना के तहत, प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जाएगी, और उनके अनाज को 20 क्विंटल तक खरीदा जाएगा।

बाली ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत 10 नए किसान-उत्पादक संघ भी बनाए जा रहे हैं, जो प्राकृतिक खेती के उत्पादों का विपणन करेंगे। इसके अलावा, हिम-उन्नति योजना में क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण अपनाते हुए राज्य में 50,000 किसानों को शामिल किया जा रहा है, जिसमें 2,600 कृषि समूह स्थापित होंगे। इन योजनाओं का उद्देश्य रासायन मुक्त खेती को प्रोत्साहन देना है।

सरकार ने प्राकृतिक उत्पादों के लिए बेहतर बाजार व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। इसके साथ ही, डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भी महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिसमें गाय और भैंस के दूध को क्रमशः 45 और 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदने का फैसला शामिल है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती को अपनाने में मॉडल राज्य बनकर उभरा है और देश के अन्य राज्य भी इस दिशा में हिमाचल का अनुसरण कर रहे हैं। सरकार किसानों की आय बढ़ाने और रोजगार सृजन के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिससे राज्य में समृद्धि और आत्मनिर्भरता का वातावरण विकसित हो सके।