Shimla ropeway project: राजधानी शिमला में बनने वाले विश्व के दूसरे और देश के सबसे लंबे यानी 13.79 किलोमीटर के रोपवे के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) ने रोपवे का अग्रिम टेंडर लगाने की मंजूरी दे दी है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया पर बैंक की ओर से मिली स्वीकृति की जानकारी साझा की। रोपवे 15 स्टेशनों को जोड़ेगा और इस पर करीब 1,734 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
रोपवे प्रोजेक्ट के लिए 80 फीसदी राशि एनडीबी बतौर ऋण देगा। 20 फीसदी की राशि प्रदेश सरकार खर्च करेगी। रोपवे के बनने से शहरवासियों को हर रोज लगने वाले जाम से निजात मिलेगी तो, वहीं कम समय में आवागमन का बेहतर विकल्प भी मिलेगा। रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के मुताबिक रोपवे का काम अगले साल एक मार्च से शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
यहां-यहां से गुजरेगा रोपवे
तारादेवी, चक्कर कोर्ट, टुटीकंडी पार्किंग, न्यू आईएसबीटी, 103 टनल, रेलवे स्टेशन, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार, आईजीएमसी, संजौली, नवबहार, सचिवालय और लिफ्ट के पास रोपवे के बोर्डिंग स्टेशन चिह्नित किए गए हैं। इन जगहों पर यात्री उतर और चढ़ सकते हैं।
2,000 लोग एक घंटे में कर सकेंगे सफर
रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के मुताबिक रोपवे में एक घंटे में दो तरफ करीब दो हजार लोग सफर कर सकेंगे। सरकार की योजना वर्ष 2059 तक रोपवे में 3 हजार लोगों को एक तरफ से ले जाने की व्यवस्था करने की है। ऐसे में 6 हजार लोग एक घंटे में दोनों तरफ सफर कर सकेंगे।