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हिमाचल में 723 पंचायतें टीबी मुक्त, कांगड़ा में सबसे ज्यादा मरीज

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TB eradication Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में टीबी उन्मूलन अभियान के तहत 723 पंचायतें अब टीबी मुक्त हो चुकी हैं, जहां एक भी मरीज नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की क्षय रोग उन्मूलन कार्यशाला में यह जानकारी दी गई। हिमाचल को टीबी मुक्त करने के लिए विशेष रोडमैप तैयार किया गया है। वर्तमान में जिला कांगड़ा में टीबी के सबसे ज्यादा 2322 मरीज हैं, जबकि लाहौल-स्पीति में सबसे कम 52 मरीज दर्ज किए गए हैं। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को इस अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए हैं, ताकि 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त किया जा सके।

स्वास्थ्य विभाग ने टीबी टेस्टिंग को बढ़ाकर 4800 कर दिया है, जो पिछले दो सालों की तुलना में दोगुनी है। समय पर इलाज मिलने से लगभग 1000 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं, लेकिन कुछ लोग सामाजिक कुरीतियों के कारण इलाज के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। ऐसे में वार्ड स्तर पर खोज अभियान तेज कर दिया गया है।

एनएचएम की एमडी प्रियंका वर्मा ने कहा कि इस साल 15,000 लोगों की टीबी जांच का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 13,000 की जांच पूरी हो चुकी है। हिमाचल राष्ट्रीय स्तर से चार गुना अधिक टेस्टिंग कर रहा है, और लोगों को भी इस प्रयास में सहयोग करना होगा।

सरकार ने निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को 1000 रुपये मासिक देने की घोषणा की है, जो पहले 500 रुपये थी। यह राशि अगले महीने से दी जाएगी और मरीजों को 6 महीने तक मुफ्त दवाइयां मिलेंगी।