Drought in Himachal Pradesh: बारिश और बर्फबारी के 22 तक आसार नहीं है। वैसे ही हिमाचल प्रदेश में इस बार के मौसम ने एक नया रिकॉर्ड कायम हुआ है। नवंबर माह आधे से अधिक बीत चुका है। लेकिन बारिश को लोग तरस रहे हैं। ऐसे में सूखे की स्थिति है। हालांकी कहीं कहीं ऊपरी क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी हुई है। लेकिन यह नाकाफी है। वहीं IMD द्वारा बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान दिया गया था, लेकिन प्रदेश में अब तक इस बार मौसम में राहत नहीं मिली है। सूखा जैसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे किसानों और पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है।
लाहौल स्पीति के ताबो में पहली बार न्यूनतम तापमान माइनस 7.6 डिग्री सेल्सियस तक गिरा है। इसके साथ ही कुकुमसैरी और समदो में भी तापमान माइनस में चला गया है। प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जहां ऊना जिले का अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
इस वर्ष प्रदेश में एक अक्टूबर से 15 नवंबर तक औसतन 33.6 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन इस बार केवल 0.7 मिलीमीटर ही बारिश हुई है, जो मानसून में भी सामान्य से 19 प्रतिशत कम थी। यही कारण है कि 1 से 15 अक्टूबर तक प्रदेश में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई।
IMD ने 22 नवंबर तक प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया है, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार अगले चार दिनों तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश और बर्फबारी के कोई आसार नहीं हैं।
प्रदेश में बीते 46 दिनों से ड्राइ स्पेल जारी है। इसके कारण किसानों को सबसे ज्यादा मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि गेहूं की बुआई का उचित समय बीत चुका है और केवल 10 प्रतिशत जमीन पर ही बुआई हो पाई है। कृषि विभाग के अनुसार, पिछले वर्ष गेहूं की फसल 3.26 लाख हेक्टेयर भूमि पर हुई थी, जबकि इस बार मुश्किल से 30,000 हेक्टेयर भूमि पर बुआई हो पाई है।