Ramakrishna Mission Shimla Dispute: रामकृष्ण मिशन आश्रम शिमला में हाल ही में हुए विवाद पर मिशन ने स्पष्ट किया है कि यह मामला रामकृष्ण मिशन और ब्रह्म समाज के बीच नहीं, बल्कि भू-माफिया से जुड़ा है। आश्रम के सचिव स्वामी तन्महीमानंद ने कहा कि विवाद में शामिल लोग भू-माफिया हैं और हिमालय ब्रह्म समाज का कोलकाता के ब्रह्म समाज से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमालय ब्रह्म समाज के वास्तविक ट्रस्टी रामकृष्ण मिशन के साथ हैं।
सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप
स्वामी तन्महीमानंद ने कहा कि विवाद के समय उन्होंने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और मुख्य सचिव को फोन किया, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। आखिरकार उन्हें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से मदद मांगनी पड़ी। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर मामले को राजनीतिक रंग देने और समय पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया।
विवाद की पृष्ठभूमि
रामकृष्ण मिशन के अनुसार, हिमालय ब्रह्म समाज को 2014 में ट्रस्टी द्वारा गिफ्ट डीड के माध्यम से मिशन को सौंपा गया था। लेकिन विशाल शर्मा नामक व्यक्ति, जो पहले आश्रम में माली के तौर पर काम करता था, ने 2007 में हिमालय ब्रह्म समाज के नाम पर एक समानांतर ट्रस्ट बनाया। यह मामला 2011 में हाईकोर्ट पहुंचा, जहां कोर्ट ने विशाल शर्मा को ब्रह्म समाज का नाम और लोगो इस्तेमाल करने से रोक दिया।
पुलिस प्रशासन की अनदेखी का आरोप
मिशन का कहना है कि उन्होंने पहले ही इस विवाद की सूचना पुलिस को दी थी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की अनदेखी के कारण आश्रम में तोड़फोड़ और विवाद की नौबत आई। मिशन ने शिमला के पुलिस अधीक्षक पर मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया है।
आगे की रणनीति
मिशन ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी जमीन और प्रतिष्ठा की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे और न्यायालय के आदेशों का पालन सुनिश्चित करेंगे।