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दियोटसिद्ध मंदिर में चढ़ाए जाने वाले रोट के सैंपल जांच में फेल

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  • कंडाघाट लैब से आई रिपोर्ट में पाया गया कि रोट स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अनुपयुक्त

  • खाद्य सुरक्षा विभाग जल्द ही इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगा

राज कुमार 


Baba Balak Nath temple prasad test:  बाबा बालक नाथ के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ दियोटसिद्ध में चढ़ाए जाने वाले रोट का सैंपल गुणवत्ता जांच में फेल हो गया है। जिला खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा कुछ महीने पहले लिए गए सैंपल की जांच कंडाघाट लैब में करवाई गई थी, जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि रोट स्वास्थ्य की दृष्टि से खाने योग्य नहीं है।

कंडाघाट लैब की जांच रिपोर्ट ने एक साथ कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि काफी लंबे समय से लाखों की संख्या में लोग प्रसाद के रूप में रोट को खा रहे हैं, लेकिन वह पूरी तरह से इसकी गुणवत्ता को लेकर बेखबर हैं। ऊपर से लोग कई बार महीना तक इस रोट को घर में रख लेते हैं और प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण करते रहते हैं। सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह भी है कि जो सैंपल फेल हुआ है, वह देवाशिष्ठित की कैंटीन का बताया जा रहा है। बताते चलें कि सितंबर महीने में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद का मामला विवादों में आने के बाद जनता द्वारा लगातार मंदिरों के प्रसाद गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे थे।

दियोटसिद्ध मंदिर में चढ़ाए जाने वाले रोट की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। इसके मद्देनजर खाद्य सुरक्षा विभाग ने मंदिर से रोट के सैंपल लेकर कंडाघाट लैब में जांच के लिए भेजे थे। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि प्रसाद के रूप में उपयोग किए जा रहे रोट बासी थे और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। असिस्टेंट कमिश्नर फूड एंड सेफ्टी अनिल शर्मा ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, रोट के सैंपल फेल पाए गए हैं। विभाग अब सरकार की गाइडलाइंस के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करेगा।