Subathu viral video investigation: छावनी परिषद के डंपिंग प्वाइंट पर अधजले मानव अंग दिखाने वाले वीडियो ने एक नया मोड़ ले लिया है। करीब 10 दिनों के सर्च अभियान के बावजूद पुलिस को कोई मानव अंग नहीं मिला। हालांकि, मौके से एकत्रित हड्डियों की फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि वे जानवरों की हड्डियां थीं। डीएसपी परवाणू ने प्रेस बयान जारी कर इस रिपोर्ट की पुष्टि की है।
घटना ने पुलिस की जांच को नए सवालों के घेरे में डाल दिया है। डंपिंग प्वाइंट पर कर्मचारियों द्वारा मानव अंग देखे जाने की पुष्टि के बावजूद पुलिस को कोई सुराग न मिलना संदेह उत्पन्न करता है। क्या यह मामला दृश्यम फिल्म की तरह सबूतों को गायब करने का है? यह जांच का विषय है।
गुमशुदा दुर्गाराम के बेटे ने वायरल वीडियो में दिख रहे शव को अपने पिता का मानते हुए कार्रवाई न होने पर परिवार सहित अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है। इस दबाव के बाद पुलिस जांच में तेजी आई है, और तीन महीने से लंबित फॉरेंसिक रिपोर्ट भी सामने आ गई है। रिपोर्ट के अनुसार, मौके पर मिली हड्डियां छह महीने से अधिक और दो साल से कम पुरानी जानवरों की हैं।
डीएसपी परवाणू ने दुर्गाराम के परिवार को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है और वीडियो से संबंधित छावनी कर्मचारियों से दोबारा पूछताछ करने का भरोसा दिलाया है। इस बीच, पंचायत प्रधान प्रोमिला ने कहा कि जल्द ही पंचायत प्रतिनिधि मंडल उपायुक्त सोलन से मिलकर मानव अंगों से क्रूरता के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रस्ताव सौंपेगा।