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बेंगलुरु में AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने झूठे आरोपों और ससुराल पक्ष की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की।
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सुसाइड से पहले 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो और 24 पन्नों का लेटर जारी कर अपनी आपबीती बताई।
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पत्नी, सास, साले और चाचा ससुर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज।
समाचार First Desk
बेंगलुरु में AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को आत्महत्या कर ली। घटना ने देशभर में झकझोर देने वाली चर्चा छेड़ दी है। आत्महत्या से पहले अतुल ने 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया और 24 पन्नों का लेटर लिखा। वीडियो में उन्होंने अपने जीवन की कठिनाइयों, ससुराल पक्ष द्वारा किए गए उत्पीड़न और न्याय व्यवस्था की खामियों का उल्लेख किया।
अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया के खिलाफ मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 108 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
झूठे आरोपों का बोझ
अतुल ने अपने वीडियो और लेटर में बताया कि उनकी शादी 2019 में एक मैट्रिमोनी साइट के जरिए हुई थी। शादी के बाद से ही उनकी पत्नी और ससुराल पक्ष ने लगातार पैसों की मांग की। उन्होंने अपनी सास को 20 लाख रुपये से अधिक दिए। इसके बावजूद उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी जाती रही।
उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी ने 2021 में अपने बेटे को लेकर घर छोड़ दिया और 40,000 रुपये मासिक भरण-पोषण लेने लगीं। इसके बाद उनकी पत्नी ने दहेज प्रताड़ना, अप्राकृतिक सेक्स और पिता की हत्या के आरोप लगाते हुए मुकदमे दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और इनका कोई आधार नहीं है।
जज पर लगाए गंभीर आरोप
अतुल ने वीडियो में उत्तर प्रदेश के जौनपुर की एक जज पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने ससुराल पक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, तो जज ने मामले को रफा-दफा करने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की। जज ने कहा था कि “झूठे केस होते हैं, परिवार के बारे में सोचकर समझौता करो।”
आत्महत्या से पहले की आखिरी अपील
अतुल ने अपने आखिरी वीडियो में कहा कि उन्हें न्याय नहीं मिला और वे झूठे आरोपों और उत्पीड़न से परेशान होकर अपनी जान दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनके आरोपी बरी हो जाते हैं, तो उनकी अस्थियां गटर में बहा दी जाएं।
उनके फ्लैट से बरामद की गई एक तख्ती पर “जस्टिस इज ड्यू” यानी “न्याय बाकी है” लिखा हुआ पाया गया।
राष्ट्रपति को लिखा पत्र
24 पन्नों के लेटर में उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर न्याय व्यवस्था की खामियों और पुरुषों के खिलाफ झूठे मुकदमों के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि झूठे आरोपों की वजह से कई पुरुष आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं।
जांच जारी
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी पक्ष पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अतुल के परिवार ने न्याय की गुहार लगाई है। इस घटना ने झूठे आरोपों और न्यायिक प्रक्रियाओं की खामियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।