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ठियोग पानी घोटाला: विजिलेंस एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में, जुटाए अहम साक्ष्‍य

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Theoj Water Scam Investigation: जिला शिमला के ठियोग विधानसभा क्षेत्र में पानी के कथित गड़बड़झाले में विजिलेंस ने 25 लोगों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए हैं। शनिवार को भी जांच जारी है।  टैंकर मालिक, चालक और ठेकेदारों पूछताछ की जा रही है।

शुक्रवार को ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा भी विजिलेंस कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने विजिलेंस अधिकारियों से मामले में निष्पक्षता से जांच की मांग की। सिंघा ने कहा-आरटीआई के माध्यम से इस मामले की जानकारी ली है। विजिलेंस की टीम रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है। विजिलेंस का दावा है कि एक सप्ताह के भीतर मामले का खुलासा हो जाएगा। दो दिन के भीतर मामला दर्ज हो सकता है। जांच टीम डिजिटल डाटा का विश्लेषण कर रही है।

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला में ठियोग पेयजल घोटाले की जांच को लेकर विजिलेंस ने 3 टीमों का गठन किया है। ये टीमें शनिवार सुबह से ठियोग, मत्याना, कोटी और फागू क्षेत्र में जाकर स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही हैं, जो जल शक्ति विभाग द्वारा मई-जून में पानी की आपूर्ति किए जाने का दावा किया गया था। जांच टीम इन लोगों से यह पूछ रही है कि उन्हें कितनी बार और कितना पानी दिया गया था। जल शक्ति विभाग के फील्ड स्टाफ भी जांच में शामिल हैं और उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर रिकॉर्ड की वेरिफिकेशन की जा रही है। विजिलेंस टीम जल्द ही साक्ष्य जुटाकर एफआईआर दर्ज कर सकती है।

इस घोटाले की जांच में विजिलेंस ने जल शक्ति विभाग के सस्पेंड अफसरों, फील्ड स्टाफ, 25 से अधिक ड्राइवर और गाड़ी मालिकों से पूछताछ की है। इसके अलावा ठेकेदारों के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि किन अधिकारियों और नेताओं के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए थे। पानी की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि कुछ ठेकेदारों ने नजदीकी नालों से पानी भरकर लोगों को सप्लाई किया, जबकि इसे सैंज और लेलूपुल से भरकर दिया जाना था।

पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने इस मामले में 1.13 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था। उनकी शिकायत के बाद जांच में यह खुलासा हुआ कि जल शक्ति विभाग ने कई गाड़ियों में पानी की ढुलाई दिखाई, जबकि कई ऐसे गांवों में टैंकर भेजे गए, जहां सड़क तक नहीं थी। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद 10 अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है। विजिलेंस की टीम पेशेवर तरीके से जांच जारी रखे हुए है, जिसमें साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और डिजिटल डेटा तैयार किया जाएगा।