हिमाचल में पेयजल किल्लत के बाद घोर बिजली संकट पैदा हो गया है। आने वाले दिनों में अन्य राज्यों व एक्सचेंज से बिजली न मिलने पर कई घंटों के कट लगाने की नौबत आ सकती है। प्रदेश में बिजली का उत्पादन एक तिहाई रह गया है। गर्मियों में अन्य राज्यों को बिजली बेचने वाले हिमाचल को रोजाना 70 लाख यूनिट से अधिक बिजली पंजाब से खरीदनी पड़ रही है।
इन दिनों हिमाचल में 287 लाख यूनिट प्रतिदिन बिजली की आवश्यकता है। बैंकिंग पर बिजली देने और दो राज्यों के साथ बिजली को लेकर किए गए समझौते के तहत इन दिनों बिजली की बहुत कमी हो गई है। प्रदेश के लोगों की बिजली की मांग को पूरा करने के लिए हिमाचल एक्सचेंज से 4.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से 35 लाख यूनिट बिजली प्रतिदिन खरीदनी पड़ रही है।
अन्य राज्यों को बैंकिंग पर इन दिनों बिजली की आपूर्ति की जाती है। नदियों में गिर रहे जलस्तर के कारण पंजाब से बैंकिंग पर 24 लाख यूनिट बिजली प्रतिदिन खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
इसके अलावा ग्रिड से भी 12 लाख यूनिट बिजली ओवरड्रॉ करनी पड़ रही है। पहाड़ों पर बर्फ के न होने के कारण गर्मी पड़ने के बाद भी पानी नहीं है। गर्मियों में बर्फ के पिघलने से ही नदियों में पानी की अधिकता के कारण बिजली का उत्पादन बढ़ता है जो प्रभावित हुआ है। ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने बताया कि इन दिनों हिमाचल में बिजली का उत्पादन काफी कम हो रहा है। पंजाब से बैंकिंग पर बिजली लेने के साथ एक्सचेंज से बिजली खरीदनी पड़ रही है।