Himachal 2045 Economic Vision: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश के आर्थिक भविष्य को दिशा देने के लिए हिमाचल 2045 संगोष्ठी श्रृंखला का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम राज्य के सतत एवं समग्र विकास को गति देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासनिक संस्थान (एमएसएचआइपीए) द्वारा तैयार इस आर्थिक रोडमैप का लक्ष्य पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक वृद्धि में संतुलन बनाए रखना है। मुख्यमंत्री सुखू ने इस अवसर पर कहा कि यह पहल नीति निर्माण में थिंक टैंक की भूमिका निभाएगी, जिससे सरकार, उद्योग और समाज के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
तीन चरणों में होगी प्रक्रिया
इस पहल को तीन चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में ऑनलाइन जुड़ाव के माध्यम से विशेषज्ञ हिमाचल 2045 सतत् आर्थिक विजन दस्तावेज तैयार करेंगे। दूसरे चरण में 22, 23 और 24 मार्च 2025 को एमएसएचआईपीए में संगोष्ठी आयोजित होगी, जिसमें विशेषज्ञ विचार-विमर्श करेंगे। तीसरे और अंतिम चरण में जून 2025 तक नीति-निर्माण के लिए रणनीतिक रोडमैप प्रस्तुत किया जाएगा।
400 से अधिक विशेषज्ञ होंगे शामिल
इस योजना के तहत विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। इनमें सैम पित्रोदा, तरुण श्रीधर, डॉ. अशोक खोसला, डॉ. शालिनी सरीन, सलमान खुर्शीद और रजनी बख्श जैसे अनुभवी लोग शामिल हैं। आगामी दिनों में प्रशासन, शिक्षा, उद्योग, पर्यटन सहित सात प्रमुख क्षेत्रों में 400 से अधिक विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।
इस अवसर पर एमएसएचआईपीए की निदेशक रूपाली ठाकुर और अतिरिक्त निदेशक प्रशांत सरकेक भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने इस पहल को हिमाचल प्रदेश के भविष्य के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि यह राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगी।



