प्रदेश के विश्वविद्यालय तो पहले ही राजनीतिक गुटबाजी की भेंट चढ़ चुके हैं। अब स्कूलों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। नियम-कानून के विपरीत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने स्कूली छात्रों को भी टारगेट करना शुरू कर दिया है। प्रदेश के स्कूलों में छात्रों को एबीवीपी से जोड़ने की मुहिम चल रही है। सोशल मीडिया पर लगातार एबीवीपी की सदस्यता ले रहे स्कूली छात्रों की पर्चियां वायरल हो रही हैं।
स्कूल के छात्रों को एबीवीपी अपना मेंबर बना रही है। इसके लिए बकायदा उन्हें रसीद दिया जा रहा है और उनसे मेंबरशिप के 5 रुपये वसूले जा रहे हैं। इस मामले में ना तो सरकारी स्तर पर और ना ही स्कूल के स्तर पर कोई संज्ञान लिया जा रहा है। स्कूल प्रबंधन में खामोशी ओढ़े हुए हैं।
इस मामले में हिमाचल एबीवीपी के अध्यक्ष नितिन व्यास ने भी माना की उनका संगठन स्कूली छात्रों को सदस्यता दिला रहा है। व्यास ने समाचार फर्स्ट को बताया कि एबीवीपी हर साल इस तरह सदस्यता अभियान चलाती है। उनका कहना था कि स्कूल के बच्चों से जबरन सदस्यता नहीं ली जाती, बल्कि स्कूल के बाहर उनकी मर्जी के मुताबिक सदस्यता ग्रहण करायी जाती है।
वहीं, इस संदर्भ में कांगड़ा के डीसी संदीप कुमार का कहना है कि उन्हें यह मामला समाचार फर्स्ट के जरिए संज्ञान में आया है। वे इस मामले की पहले जांच करेंगे और अगर कुछ भी गलत पाया गया तो कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।