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शिमला में पानी का होगा पूरा समाधान, दीर्घकालीन योजनाओं पर काम चालू

समाचार फर्स्ट डेस्क |

शिमला में जारी जल-संकट से निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कई स्तर पर कोशिशें तेज की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आगामी दिनों में ऐसी परेशानी ना हो इसके लिए लंबी योजनाओं पर काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं जन-स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियं के साथ पानी की किल्लत की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्थिति की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला में 28.47 एमएलडी पानी का भण्डारण हुआ है और इसके लगातार बढ़ने की संभावना है। इससे आने वाले कुछ दिनों में पानी की किल्लत दूर हो जाएगी।

पानी पर पूर्व की सरकारों को घेरा
 
मुख्यमंत्री ने पानी की समस्या को राजनीतिक नहीं बल्कि पर्यावरण और मानवीय एंगल से देखने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी की वर्तमान समस्या को राजनीतिक चश्में से देखने की जरूरत नहीं है। अगर राजनीतिक नजरिए से देखेंगे तो वर्तमान स्थिति के लिए पूर्व की सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है, जिन्होंने हवाई किले बनाए और जमीन पर केवल राजनीति की।
 
हालांकि, राजनीति नहीं करने की नसीहत देते हुए भी सीएम ने राजनीतिक ब्रह्मास्त्र विरोधियों पर चला भी दिए। उन्होंने शिमला में पानी के पर्मानेंट सॉल्यूशन को लेकर पिछली सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता जानने के लिए बेचैन है कि नगर निगम पर काबिज पूर्व के नेताओं ने शिमला की पेयजल योजनाओं के लिए कौन सी दीर्घकालीन योजनाएं बनाएं और क्या कोशिशें कीं?
 
अब दीर्घकालीन योजना पर होगा काम
 
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बैठक में कहा कि सरकार की कोशिश तात्कालिक चुनौतियों को निपटाकर दीर्घकालीन योजनाओं पर काम करने की है। ताकि शिमला और प्रदेश के दूसरे हिस्सों में पानी की किल्लत को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि ट्यूबवेल, बारिश का पानी समेत तमाम योजनाओं को लेकर बड़े स्तर पर काम करेंगे।