कुल्लू की मणिकर्ण-बरशैणी सड़क पर रविवार देर शाम पहाड़ी से अचानक चट्टानें गिरने से अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। मणिकर्ण बाजार के सामने बाली पहाड़ी से यह चट्टानें बस स्टैंड की तरफ तेजी से आईं, लेकिन सारी चट्टानें बरशैणी सड़क मार्ग पर आकर रूक गई।
एक साथ 15 से 20 छोटी चट्टानें गिरने से बस स्टैंड में मौजूद लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे। जिस समय चट्टानें पहाड़ी से गिरी, उस समय उस समय सड़क पूरी तरह से खाली थी इसलिए कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। चट्टानें गिरने के बाद करीब आधा घंटा मणिकर्ण-बरशैणी सड़क पर यातायात प्रभावित रही। चट्टानें गिरने के बाद प्रशासन ने भी लोगों को ऐतिहात बरतने के लिए कहा है।
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बता दें कि साल 2001 में गुरूद्वारा साहिब के नजदीक भी एक भारी चट्टान रात को मकान पर गिरी थी और इस घटना में एक महिला की मौत हो गई थी। उसके बाद साल 2003 में गुरूद्वारा मोड़ पर भारी भरकम चट्टान चलती बस के ऊपर गिर गई थी जिसमें में 37 लोगों की मौत हो गई थी। इसी तरह दो साल पहले गुरूद्वारा भवन पर चट्टान के गिरने से सात से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।