31 मार्च 2025 तक टेलीकॉम कंपनियों को नए नियमों का पालन करना होगा

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  • साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार ने सिम कार्ड डिस्ट्रीब्यूटरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया
  • 31 मार्च 2025 तक सभी टेलीकॉम कंपनियों को नियमों का पालन करना होगा
  • 1 अप्रैल 2025 से बिना रजिस्टर्ड एजेंट कोई भी सिम कार्ड नहीं बेच पाएगा

SIM Card Registration Rule: साइबर धोखाधड़ी दुनियाभर के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। हाल के दिनों में साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में सख्ती बढ़ाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों के तहत अब सभी दूरसंचार ऑपरेटरों को सिम कार्ड जारी करने वाले एजेंट, फ्रेंचाइजी और डिस्ट्रीब्यूटरों को पंजीकृत करना अनिवार्य होगा।

सरकार का यह निर्देश नया नहीं है, लेकिन अब इसकी समयसीमा 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई है। इस कदम से नए सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जा सकेगा, जिससे साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाई जा सकेगी।

इसके अलावा, सरकार उन व्यक्तियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की योजना बना रही है, जिनके नाम पर 9 से अधिक सिम कार्ड रजिस्टर हैं। मौजूदा नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अधिकतम 9 सिम कार्ड अपने नाम पर रख सकता है।

नए नियमों का असर

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 1 अप्रैल 2025 से केवल वही सिम कार्ड विक्रेता ग्राहकों को सिम बेच पाएंगे, जो रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर चुके होंगे। रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल जैसी निजी कंपनियां इस नियम का पालन कर चुकी हैं, लेकिन भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) अभी पीछे चल रहा है। BSNL के कई डिस्ट्रीब्यूटर अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए हैं, इसलिए सरकार ने उन्हें दो महीने की अतिरिक्त मोहलत दी है।

इस फैसले से सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में एक और सुरक्षा परत जुड़ जाएगी, जिससे उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा।