हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज के लिए केंद्र से इजाजत मिलते ही क्रेडिड लेने की होड़ लगी हुई है। चूंकि लोकसभा चुनाव की कवायदें तेज़ हैं, ऐसे में हर कोई 100 सीटों वाले मेडिकल कॉलेज का नाम खुद से जोड़ने कोशिश कर रहा है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल इसे अपनी कवायद का नतीजा बता रहे हैं। यहां तक कि मामले को व्यक्तिगत प्रयासों का नतीजा बताए जाने की कोशिश हो रही है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हमीरपुर मेडिकल कॉलेज के लिए अधिसूचना जारी की, जिसमें एमसीआई की तरफ से हमीरपुर के लिए 100 सीटों की अनुमति दे दी गई। इस तरह अब प्रदेश में 100 अतिरिक्त डॉक्टर हर साल तैयार होंगे। लेकिन, इस बीच राजनीतिक बयानबाजियां हर सभाओं में देखने को मिल जा रही हैं।
गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज की हमीरपुर के लिए अधिसूचना पूर्व की कांग्रेस सरकार में जारी हुई थी। लेकिन, उस दौरान सिवाय अधिसूचना के कुछ भी मामला आगे नहीं पढ़ा। इसके बाद जब सेंटर में बीजेपी की सरकार बनी तो इस मेडिकल कॉलेज के लिए आगे की रूप-रेखा तैयार हुई। फिर धीरे-धीरे मेडिकल कॉलेज बनाने का काम शुरू हुआ और आखिरकार औपचारिक रूप से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया।
अब एक तरफ जहां कांग्रेस के विधायक और प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू इसके लिए अपने प्रयासों का हवाला दे रहे हैं, तो वहीं बीजेपी इसका क्रेडिट अपने पाले में ले रही है। सुक्खू के मुताबिक उन्होंने ही इस मेडिकल कॉलेज की प्रक्रिया पास कराई थी और जगह का भी चयन किया था।
माना जा रहा है कि इसी महीने में इसका बकायदा शिलान्या होने जा रहा है। लेकिन, इस मेडिकल कॉलेज को 2019 में भुनाने की कोशिशें अभी से परवान चढ़ चुकी है। इसमें बीजेपी और कांग्रेस लगातार अपना-अपना दावा ठोक रही हैं।