करीब एक दशक से सियासत का शिकार हुई सेंट्रल यूनिवर्सिटी को जमींन दिलाने कि प्रक्रिया अंतिम दौर में है। धर्मशाला और देहरा में जब दोनों स्थानों पर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पास अपनी भूमि होगी उसके बाद नींव पत्थर रख दिया जायेगा।
बता दें कि 2009 से सेंट्रल यूनिवर्सिटी कांगड़ा कि क्लासें अस्थाई कैंपस शाहपुर और धर्मशाला में चल रही हैं। लेकिन, सोमवार को सेंट्रल यूनिवर्सिटी की नींव रखने के लिए शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति कुलदीप अग्निहोत्री की मुलाकात के बाद दो-तीन महीनों के बीच धर्मशाला और देहरा मेंसेंट्रल यूनिवर्सिटी कि नींव रखने कि आस पक्की होती नजर आ रही है। प्रदेश सरकार और सेंट्रल युनिवर्सिटी प्रशासन धर्मशाला और देहरा कि सियासी खटास को मिटाने के लिए अब दोनों स्थानों पर एक साथ नींव पत्थर रखने कि तैयारी कर रहा है।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलदीप अग्निहोत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया हुआ है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दो कैम्पस होंगे एक धर्मशाला तो दूसरा कैंपस देहरा में होगा। जिसके लिए दोनों जगह भूमि अधिग्रहण का प्रोसेस चला हुआ था। उन्होंने बताया कि देहरा में प्रस्तावित सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कैंपस के लिए 300 एकड़ भूमि सेंट्रल यूनिवर्सिटी को मिल चुकी है। जिसमें 80 एकड़ भूमि उनके नाम ट्रांसफर हो चुकी है और बाकी 220 एकड़ भूमि उनके नाम ट्रांसफर होने कि कगार पर है।
अग्निहोत्री ने बताया धर्मशाला में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कैंपस के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित लगभग 750 एकड़ भूमि ट्रांसफर संबधी औपचारिकताएं पूर्ण होने और केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अंतिम अनुमति लेने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रपोज्ड साईट प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने बताया पिछले कल उनकी प्रदेश सरकार में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से इस बारे बैठक हुई है और बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी दो-तीन महीनो में प्रस्तावित दोनों कैम्पसों का नींव रखने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कि जाएगी। जिसके लिए शीघ्र ही एक प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा ताकि, केन्द्रीय विश्वविद्यालय का नींव पत्थर जल्द से जल्द रखा जाए।