रूसा के खिलाफ बीजेपी का कैंपेन याद है आपको या भूल गए? अरे वही कैंपेन जिसमें रूसा-प्रणाली को तत्कालीन विपक्ष ने स्टूडेंट के भविष्य से खिलवाड़ बताया था। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ऐलान भी कर दिया था कि सत्ता में आते ही शिक्षा नीति से 'रूसा' का खेल खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन, सत्ता मिलने के बाद सरकार इस मुद्दे को ठंठे बस्ते में डाल चुकी है और इसे भूल जाने की दुहाई दे रही है। लेकिन, इस बीच एक नेता ऐसा है, जो सरकार को आसानी से रूसा के मसले पर वॉक-ओवर देने के मूड में नहीं है। कांग्रेस के दिग्गज नेता जीएस बाली ने बीजेपी को रूसा के मामले पर घेराबंदी तेज़ कर दी है।
कांगड़ा में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री जीएस बाली ने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से प्रदेश के स्टूडेंट्स और युवाओं से माफी मांगने को कहा। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सत्ता पाने के लिए विद्यार्थियों को ठगने का काम किया। उनके विश्वास की हत्या की। क्योंकि, विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने युवाओं से झूठ बोला कि वे रूसा को खत्म करेंगे। जबकि, रूसा खत्म करना लगभग असंभव है। अब जब बीजेपी सत्ता में आ गई है तो इनके शिक्षा मंत्री मान रहे हैं कि रूसा को खत्म नहीं किया जा सकता।
जीएस बाली ने रूसा पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए ऐसा झूठ नहीं बोला जाना चाहिए। आज भारी संख्या में स्टूडेंट्स खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के वक़्त उन्होंने इस संदर्भ में केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की थी। उस दौरान जावड़ेकर ने साफ-साफ रूसा प्रणाली को हटाने से इनकार कर दिया। गौर रहे कि केंद्र में तभी भी बीजेपी की सरकार थी। लेकिन, तब लगातार प्रदर्शन हुए। उस वक़्त बीजेपी के सहयोग से छात्रों ने विधानसभा का घेराव कर दिया। बाली ने कहा कि इस फरेब के लिए समूची बीजेपी आज छात्रों से माफी मांगे।
पानी के मिसमैनेजमेंट से टूरिज्म सेक्टर तबाह
जीएस बाली ने राजधानी शिमला में पानी किल्लत पर सरकार और नगर निगम को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने समस्या को देखते हुए फौरन एक्शन क्यों नहीं लिया। सरकार की लापरवाही से आज लोग परेशान हैं और पर्यटन सीज़न पर भारी मार पड़ी है। पानी के प्रॉब्लम से सारी होटल बुंकिग्स कैंसिल हो गई हैं और सरकार ने होटल वालों को कंगाल बना दिया।
जीएस बाली ने सवाल किए कि व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए तमाम मैकेनिज्म है। लेकिन, समय रहते किसी का भी सही से उपयोग नहीं किया गया। क्यों प्रदेश सरकार को 'पैनिक बटन' दबाने की नौबत आ गई? बाली ने कहा कि सरकार के पास मैनेजमेंट के कई स्तर हैं। यह सरकार को बताना चाहिए कि उन्होंने कैसे इसका इस्तेमाल किया? जब पानी खत्म हो रहा था, तब वक़्त रहते क्यों नहीं प्लेन इलाकों से भंडारण की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि सरकार के पास विकल्प था कि वह पीने के पानी के अलावा रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए पानी बाहर से मंगाकर स्टोर कर सकती थी। लेकिन, सरकार 'पैनिक मोड' में आ गई।
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जीएस बाली ने कहा कि सरकार पैनिक बटन दबाने से सबसे ज्यादा तबाही टूरिज्म सेक्टर को हुई है। उन्होंने कहा कि होटल इंडस्ट्री को इसका सबसे बुरा असर पड़ा है। सैलानियों के टैकिट रातों-रात कैंसिल कराए गए। अगर होटल इंडस्ट्री प्रभावित होती है, तो न जाने कितने ही रोजगार भी प्रभावित होंगे। बजाय संजीदगी से इस मामले को हैंडल करने के सरकार ने सिर्फ फरमान सुनाया।
कांगड़ा में पुलिस फैला रही पैनिक, क्यों आएंगे टूरिस्ट ?
जीएस बाली ने कांगड़ा जिला प्रशासन के उस फैसले को अनुचित करार दिया है, जिसमें होटल कारोबारियों को उनके हथियार जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, सोलन में अवैध कब्जे की घटना से सबक लेते हुए प्रशासन ने कांगड़ा में सभी होटल व्यवसायियों को अपनी बंदूकें जमा करने के लिए कहा है। लेकिन, जीएस बाली ने इसे खस्ताहाल स्टेप बताया है।
जीएस बाली ने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि वह उन इलाकों को चिन्हित करे जहां पर अवैध कब्जे हटाने हैं। उसके बाद उस विशेष क्षेत्र के होटल-कारोबारियों के हथियार जमा करवाए। लेकिन, इसका कोई मतलब नहीं बनता कि सभी के एक साथ हथियार जमा करा लिए जाएं। हो सकता है कि कई लोगों के सुरक्षा मसला भी जुड़ा होगा। बाली ने कहा कि इस तरह की एडवाइजरी और ख़बरों से सबसे ज्यादा टूरिस्ट खौफ़जदा होते हैं। जब कोई ऐसी खबरें पढ़ेगा तो वह धर्मशाला क्यों आएगा।