पर्यटन नगरी मनाली में आईपीएच विभाग का शर्मनाक सच जो हम आपको बताने जा रहे हैं उसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। स्वच्छ पेयजल मुहैया करने के दावे करने वाले आईपीएच विभाग की हकीकत क्या है। आईपीएच विभाग जिस पानी के टैंक से करीब चार हजार की आवादी को पीने का पानी उपलब्ध करवाता है उस पानी के टैंक में मरा हुआ बंदर पड़ा मिला। जनता का कहना है कि शुक्र है कि इस टैंक से पिछले कुछ दिनों से पानी की सप्लाई सुचारू नहीं थी वरना आईपीएच विभाग ने क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने का पूरा पूरा इंतजाम कर रखा था।
आरोप है कि आईपीएच ने जिस फीटर को क्षेत्र में तैनात किया है वह कभी-कभी ही जाता है और पिछले दिनों से क्षेत्र में पानी का संकट पैदा हो गया था। इस टैंक से पानी की सप्लाई सुचारू नहीं थी। इस सप्लाई से कभी कभी ही पानी टपक रहा था। लेकिन, जब पानी की सप्लाई सुचारू नहीं होने के कारण लोगों ने स्वयं जाकर देखा तो पता चला टैंक में बंदर भी गिरा हुआ है।
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लोगों की माने तो पता नहीं बंदर कितने समय से पानी के टैंक में गिरा होगा। बताया कि इस फिल्टर टैंक पर चारों ओर से जाली न लगाए जाने और छत न लगने से बंदर टैंक में जा गिरा। यदि पानी की सप्लाई सुचारू रहती तो पानी का प्रयोग करने वाले लोग कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ जाते। ग्रांम पंचायत करजां के प्रधान वलवीर राणा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पानी की समस्या बढ़ गई थी। क्षेत्र में तैनात फिटर द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया यदि ध्यान दिया होता तो शायद पहले ही पता चल जाता कि बंदर टैंक में मरा पड़ा है।
उन्होंने बताया कि करजां पंचायत के चार गावों के 3 हजार लोगों को धमसू के जंगल में तीन टैंक है तथा दो टैंकों में पानी भर कर सप्लाई दी जाती है और जो एक टैंक है वह फिल्टर टैंक है जिसमें रेत भर जाने के कारण पानी की सप्लाई बंद कर दी गई थी तथा उस टैंक से पानी सप्लाई कुछ दिनों से नहीं दी जा रही थी जिसके चलते पानी की कमी चल रही थी।
वहीं, एसडीओ आईपीएच मनाली अमित ने बताया कि जिस टैंक में बंदर मरा हुआ था वह फिल्टर टैंक था और रेत भरने के चलते उस टैंक से पानी की सप्लाई नहीं दी जा रही थी। अन्य दोनों टैंकों से पानी की सप्लाई दी जा रही थी। उन्होंने बताया कि टैंक के चारों ओर कुछ दिनों के भीतर जाली लगाई जाएगी।