केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को 810 करोड़ का शिक्षा बजट मंजूर किया है। बुधवार को नई दिल्ली में समग्र शिक्षा अभियान के तहत हुई बैठक में हिमाचल को बीते साल के मुकाबले 400 करोड़ अधिक बजट स्वीकृत हुआ है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के विशेष सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी कक्षाएं शुरू करने के लिए अलग से फंड देने पर भी सहमति बनी है।
प्रदेश के 80 सरकारी स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा के तहत तीन नए विषय शुरू करने और कंप्यूटर शिक्षा देने के लिए 125 सरकारी स्कूलों में आईसीटी लैब बनाने को भी हरी झंडी दी गई है।
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बुधवार को हुई बैठक में इस अभियान के लिए केंद्र सरकार से 950 करोड़ के बजट की मांग की गई। केंद्र सरकार ने हिमाचल के प्रस्ताव पर मंथन करने के बाद 810 करोड़ का बजट मंजूर किया। बैठक में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक मनमोहन शर्मा, राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली भी मौजूद रहे।
यहां खर्च किया जाएगा बजट
भारत सरकार की ओर से हिमाचल को दिए गए बजट को शिक्षा क्षेत्र में नई योजनाएं शुरू करने, खेल गतिविधियां बढ़ाने, पुस्तकालय मजबूत करने व डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने पर खर्च किया जाएगा। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में छात्रों को टेलरिंग, ब्यूटिशियन, प्लंबरिंग और मल्टी स्किल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बता दें कि साल 2017-18 के दौरान हिमाचल ने 834 करोड़ के बजट की केंद्र से मांग की थी और 408 करोड़ रुपए मंजूर हुए थे।