हिमाचल में पेपर लीक घोटाला: विजिलेंस ने दर्ज की 16वीं एफआईआर

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  • हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के भंग होने के बाद एक और पेपर लीक मामले में विजिलेंस ने 16वीं एफआईआर दर्ज की।
  • पोस्ट कोड 826 के तहत जूनियर इंजीनियर (सिविल) भर्ती में गड़बड़ी के ठोस सबूत मिले।
  • वर्ष 2021 में पूरी हुई भर्ती प्रक्रिया पर अब सवाल, विजिलेंस जांच जारी।

Junior Engineer Recruitment Scam: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के भंग होने के बाद पेपर लीक मामले में एक और नया खुलासा हुआ है। विजिलेंस ने जूनियर इंजीनियर (सिविल) भर्ती परीक्षा (पोस्ट कोड 826) में गड़बड़ी के आरोप में 16वीं एफआईआर दर्ज की है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि परीक्षा में पेपर लीक हुआ था या ओएमआर शीट में किसी तरह की छेड़छाड़ की गई थी।

यह मामला दिसंबर 2022 में जेओए (आईटी) पोस्ट कोड 965 की लिखित परीक्षा से पहले उजागर हुए पेपर लीक से जुड़ा है, जिसके बाद से विजिलेंस इस पूरे घोटाले की जांच कर रही है। अब पोस्ट कोड 826 की परीक्षा में गड़बड़ी के पुख्ता प्रमाण सामने आए हैं।

जूनियर इंजीनियर (सिविल) के 39 पदों के लिए सितंबर 2020 में आवेदन मांगे गए थे, जिसमें 10,529 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से 9,301 आवेदन सही पाए गए थे। परीक्षा 11 अप्रैल 2021 को आयोजित हुई थी, जिसमें 5,632 अभ्यर्थियों ने भाग लिया था, लेकिन केवल 121 अभ्यर्थी ही उत्तीर्ण हो सके थे। इसके बाद 8 सितंबर 2021 को 15 अंकों की मूल्यांकन परीक्षा करवाई गई थी।

हालांकि, विधानसभा सत्र के चलते विजिलेंस ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। यह भी स्पष्ट नहीं हुआ कि इस मामले में कोई गिरफ्तारी हुई है या कितने आरोपी नामजद किए गए हैं। भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और चयनित अभ्यर्थी विभाग में सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अब इस भर्ती पर भी संदेह के बादल मंडराने लगे हैं।