आजीवन कारावास की सजा काट रहे दुष्कर्म के दोषी कैदी की जिला कारागार धर्मशाला में मौत हो गई। मृत्तक कैदी ने बुधवार देर रात सीने में दर्द होने की शिकायत की थी। रात्रि के समय जेल में ही कैदी को उपचार मुहैया करवाया गया था। गुरुवार सुबह ज्यादा तबीयत खराब होने पर उसको अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन चिकित्सक ने उसको मृत्त घोषित कर दिया।
चिंतपूर्णी के नाड़ी गांव से सबंध रखने वाले राजकुमार के खिलाफ 20 अक्तूबर 2004 में ऊना जिला के अंब थाना में दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था। न्यायालय में चले इस मामले में राजकुमार को 29 नवंबर 2005 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। न्यायालय द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद दोषी आजीवन कारावास की सजा जिला कारागार धर्मशाला में काट रहा था। कैदी को पहली जून को ही कारागार की मैस में खाना बनाने के लिए लगाया गया था। बुधवार देर रात्रि कैदी ने अपनी छाती में दर्द होने की शिकायत की थी।
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मामले में ज्यूडिशियल इंन्कवायरी भी शुरू कर दी गई है। इसमें कैदी के रहने वाली बैरक सहित बैरक के अन्य बंदियों से भी पूछताछ की गई है।
उधर, जिला कारागार धर्मशाला के उप अधीक्षक विनोद चंबियाल ने बताया कि बंदी राजकुमार ने बुधवार रात्रि को छाती में दर्द होने की शिकायत की थी, इस दौरान जेल में ही उसको उपचार दिया गया। लेकिन गुरुवार सुबह उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई तथा अस्पताल में चिकित्सकों ने उसको मृत्त घोषित कर दिया।
मृत्तक का डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा में पोस्टमार्टम करवाया गया। मौत के क्या कारण रहे हैं, इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगा।