हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है। वीरभद्र-सुक्खू वॉर ने हर बार चुनावों में कांग्रेस को ख़ासा नुक्सान पहुंचाया है और इस बार विधानसभा चुनावों में भी ये हार की ब़ड़ी वजह बताई जाती है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी प्रभारी पाटिल के सामने गुटबाजी का उदाहरण दिया है। वीरभद्र सिंह ने प्रभारी रजनी पाटिल से साफ कहा कि वे संगठन की कार्यप्रणाली से नाराज़ हैं।
मुलाक़ात के बाद प्रभारी ने भी माना कि संगठन में वाकेई गुटाबाजी है और उसे जल्द ख़त्म करने की बात कही। प्रभारी ने कहा कि इन मतभेदों को मिटाने के लिए किसी जिम्मेदार बहन की जरूरत होती है और अब वे यहां आ गई हैं, तो बैठकर सब मिटाया जाएगा। जिस तरह एक बहन अपने भाइयों के कान खींचकर समझाती है, उसी तरह गुटबाजी का ख़ात्मा करना पड़ा तो किया जाएगा। साथ ही वीरभद्र सिंह का फीडबैक हाईकमान तक पहुंचाया जाएगा।
लोकसभा चुनाव के लिए तैयार होगी रणनीति
प्रभारी ने कहा कि पिछले दो दिन से मैरथान मीटिंग जारी है और उसके लिए सभी से फीडबैक लिया जा रहा है। लोकसभा चुनावो को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी और इसके लिए अभियान शुरू किया जायेगा। आगामी दिनों में जिलों और ब्लॉक का दौरा तय किया जाएगा और पार्टी जनों से उनके पास पहुंच कर उनमें उत्साह का माहौल तैयार किया जाएगा। वहीं, प्रभारी ने भीतरघातियों की घर वापसी के भी कुछ संदेश दिए।
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ग़ौरतलब है कि कांग्रेस में गुटबाजी अभी तक सुलझ नहीं पाई है। कई दफा वरिष्ठ नेताओं ने भी गुटबाजी सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन अभी तक किसी को सफलता नहीं मिल पाई है। अब रजनी पाटिल के हाथों में कमान सौंपी गई है, जिसका पता लोकसभा चुनावों में चलेगा…!!