हिमाचल प्रदेश में बन रही आयरन, एंटी बायोटिक, एंटी एलर्जी, संक्रमण जैसी 16 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार 16 में से 12 बद्दी औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित दवा कंपनियों के ही सैंपल फेल हुए हैं। इसके अलावा कुमारहट्टी, पांवटा साहिब, कालाअंब नालागढ़ की 1-1 दवा कंपनी के भी सैंपल फेल हुए हैं।
केन्द्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (C.D.S.C.O) ने देश भर में जुलाई माह के ड्रग अलर्ट को जारी कर दिया। देश भर में 41 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। इसमें 12 दवाएं प्रदेश के सबसे बड़े बद्दी औद्योगिक क्षेत्र में बन रही हैं। C.D.S.C.O ने इन दवाओं की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
वापस मंगवाने होंगे दवाओं के बैच
प्रदेश में जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। उन कंपनियों को अब इन दवाओं के बैच देश भर के बाजारों से वापस मंगवाने होंगे। वहीं, राज्य दवा नियंत्रक बद्दी नवनीत मागवाह ने कहा कि हिमाचल में मौजूद उन सभी दवा उद्योगों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं जो मानकों पर खराब पाए गए हैं। प्रदेश के इन सभी उद्योगों से जवाब मांगा गया है और खराब बैच को रिकॉल कर उन्हें नष्ट करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
पिछले एक वर्ष में जिन 267 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं उनमें से 88 दवाओं का उत्पादन हिमाचल में हुआ है। इससे स्पष्ट है कि हिमाचल में फार्मा उद्योग नियमों को ताक पर रखकर दवाओं का उत्पादन कर रहा है।