प्रदेश में अभी भी कई सड़कें ऐसी हैं जो खड्डों के रूप में बदल गई हैं। वर्षों से इन सड़कों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। विकास के दावों की पोल खोलती यह सड़कें जानलेवा साबित हो रही हैं। ऐसी ही महत्वूपर्ण सड़क भरवाईं- तलवाड़ा है जो 2 जिलों और 2 राज्यों को आपस में जोड़ती है।
इस सड़क की गिट्टिया उखड़ चुकी हैं। हालत ये है कि सड़क के बीच में कदम-कदम पर बने गढ्ढे राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं। सड़क पर बने गढ्ढों के कारण आए दिन गिरकर चोटिल होते हैं।
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इसी सड़क पर उत्तर भारत का प्रसिद्व शक्तिपीठ माता चिंतपूर्णी मंदिर भी स्थित है। मंदिर में आने वाले असंख्य श्रद्वालुओं की सुविधा एवं पंजाब से हिमाचल आने वाले वाहनों के लिए चिंतपूर्णी में करीब 5 किलोमीटर लंबा बाईपास भी बनाया गया है। इस बाईपास से सैकड़ों श्रद्वालुओं के वाहनों की आवाजाही होती है परन्तु खड्ड में तबदील हुए इस बाईपास की दुर्दशा से हर कोई आहत तो हो रहा है साथ में प्रदेश की छवि पर भी बुरा बसर पड़ रहा है।
32 किमी लंबी सड़क का बुरा हाल
यूं तो तलवाड़ा से लेकर चिंतपूर्णी तक की करीब 32 किलोमीटर सड़क की स्थिति ही बदहाल है लेकिन सबसे खराब हालात बाईपास की हैं। इस सडक़ के दुरुस्त होने में अभी करीब 3 से 4 माह का और इंतजार करना पड़ सकता है। लोक निर्माण विभाग पैच वर्क तो कर रहा लेकिन कुछ स्थानों पर पैचवर्क भी पर्याप्त नहीं है। विभाग ने चिंतपूर्णी से पक्का टियाला यानी ऊना जिला की सीमा तक 70 लाख रुपए की लागत से पैच वर्क का काम शुरू तो किया है, परन्तु उससे भी हालत बेहतर नहीं हो रहे हैं।