देश के लोग जिस भी जनप्रतिनिधि को चुनते है, उससे काफी उम्मीदें भी होती हैं कि वह जन कल्याण के कार्य करेंगे। लेकिन कुछ जनप्रतिनिधि जनकल्याण के लिए नही बल्कि अपने कल्याण के लिए काम करते हैं। तेलंगाना की इस खबर को पढ़ने के बाद ऐसे मंत्रियों के बारे में आज आपकी धारणाएं पूरी तरह से बदल जाएंगी।
जी हां, ये वाकया है तेलंगाना के जयशंकर भुपालापल्ली जिले का, जहां की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। लोग ऐसे नेता पर अपने गुस्से का इजहार भी कर रहे हैं। दरअसल, रविवार की दोपहर पालमपेट गांव के नल्लाकलुवा क्रॉसरोड पर एक ट्रक ने बाइक सवार को टक्कर मार दी। जिसके चलते अपने दो दोस्त गोपी और सतीश के साथ रमप्पा मंदिर जा रहे तदुरी मधुसूदन चैरी बाइक से गिर गए।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि तीस वर्षीय चैरी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके पीछे बैठे उसके दोनों दोस्त घायल हो गए। एक्सीडेंट के बाद जिस वक्त पास के गांव के लोग एकजुट होकर चैरी को समय पर अस्पताल ले जाने के लिए एक गाड़ी की तलाश कर रहे थे, ताकि उसकी जान बच सके, ठीक उसी वक्त जनजाति कल्याण मंत्री अज़मीरा चंदुलाल का काफिला वहां पर बिल्कुल नजदीक से बिना रुके गुजरा।
एक युवा ने बताया कि मुझे इस बात का भरोसा था कि मंत्री सामने की सीट पर बैठे हैं जो इस घटना को सामने देखकर जरूर रुकेंगे। लेकिन, जिस तरह से उनका काफिला घटना को देखते हुए भी नजरअंदाज कर आगे निकला वह बेहद अमानवीय था।
एक अन्य युवक जिसने फोटो खींचकर व्हाट्सग्रुप पर भेजा उसने बताया कि यह गांव मंत्री के ही मुलुगु विधानसभा क्षेत्र में आता है। इसलिए, उन्हें अपने काफिले को रोककर बाहर आना चाहिए था और घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में मदद करनी चाहिए थी।
हालांकि, इस पूरी घटना पर मंत्री ने बताया, “अपने एक रिश्तेदार के साथ कॉल पर व्यस्त था। उस वक्त मुझे उतरना चाहिए और घायलों से मिलना चाहिए था, लेकिन उस वक्त मैं काफी जल्दबाजी में था।”