सीटू जिला कमेटी ने डायमंड रेस्टोरेंट और शिमला के अन्य होटलों और रेस्टोरेंटों में ईपीएफ के गड़बड़झाले सहित ईपीएफ विभाग की लचर कार्यप्रणाली के खिलाफ रीजनल कमिश्नर कार्यालय कसुम्पटी के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान रीजनल कमिश्नर को ज्ञापन भी सौंपा गया और कार्रवाई की मांग की गई।
सीटू ने ईपीएफ विभाग को चेतावनी दी है कि अगर डायमंड तथा अन्य होटलों और रेस्टोरेंटों में ईपीएफ कानून को सख्ती से लागू नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
सीटू ने आरोप लगाया है कि ईपीएफ विभाग मालिकों के शह पर कार्य कर रहा है। शिमला शहर के दर्जनों होटलों व रेस्टोरेंटों में सैंकड़ों मजदूरों के ईपीएफ में गड़बड़झाला है। कई होटलों व रेस्टोरेंटों के नियोक्ताओं और प्रबंधकों ने पिछले कई महीनों से मजदूरों का ईपीएफ जमा नहीं करवाया है।
कई जगह मजदूरों की केवाईसी डीटेल तक नहीं है।डायमंड के मजदूरों का पूरा रिकॉर्ड और पैसा भी विभाग में जमा नहीं है। ईपीएफ कानून की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इस सबके बावजूद ईपीएफ विभाग कुम्भकर्णी नींद सोया हुआ है।
उन्होंने कहा है कि ईपीएफ विभाग के अधिकारी होटलों व रेस्टोरेंटों का निरीक्षण नहीं करते हैं जिस कारण मालिकों के होंसले बुलन्द हैं तथा वह कानून का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। ईपीएफ विभाग के एक अधिकारी डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए थे जिस से साफ हो जाता है कि विभाग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है।
उन्होंने कहा कि ईपीएफ विभाग के अधिकारी मालिकों से मिले है और मजदूरों के हितों को दांव पर लगा कर उन्हें भारी फायदा पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि विभाग के अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली के कारण मजदूरों को उनका हक नहीं मिल रहा है। उन्हें अपने ही पैसे से वंचित किया जा रहा है और उनका शोषण किया जा रहा है।