प्रदेश में डॉक्टरों की भारी कमी चल रही है और अभी तक डॉक्टरों के पदों पर कोई भर्ती नहीं की गई। हालांकि, सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ करने के दावे करती है, लेकिन काफी समय से चल रही डॉक्टरों की कमी को अभी तक पूरा नहीं किया गया। यहां तक कि अब जनता को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और लोग डॉक्टर न होने पर रोष जाहिर कर रहे हैं।
शुक्रवार को कुल्लू में कुछ महिलाएं डीसी कुल्लू के दरबार पहुंची और गायनी के डॉक्टर का बंदोबस्त करने की मांग की। महिलाओं को कहना है कि जो डॉक्टर था उसने सेवाएं देना बंद कर दिया है और अब प्रसूता महिलाओं को रेफर कर दिया जा रहा है। ऐसी कंडीशन में उनका किसी और जगह पर जाना काफी जोखिम भरा है। इससे पहले भी उनसे बात की गई थी, लेकिन अभी तक सरकार ने इसपर कोई ग़ौर नहीं किया।
उधर, क्षेत्रीय अस्पताल में तैनात एमएस एसके मल्होत्रा का कहना है कि तीन-चार दिन पूर्व हुए प्रकरण के बाद निजी अस्पताल के डॉक्टर ने सेवाएं देने से मना कर दिया है। स्थाई रूप से डॉक्टर तैनात करने को लेकर भी निदेशालय और सरकार से पत्राचार किया जा रहा है और सरकार के ध्यान में ये मामला है। प्रबंधन उसके बावजूद भी प्रसूता महिलाओं के लिए कोई न कोई समाधान खोजने में लगा हुआ है।