कांग्रेस के दिग्गज नेता जीएस बाली ने जिला कांगड़ा और चंबा से हो रहे भेदभाव और अनदेखी को लेकर बीजेपी सरकार को घेरा। कांगड़ा में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा कि जिला कांगड़ा और चंबा में जो इन्वेस्टमेंट होनी चाहिए थी वह आज तक नहीं हो पाई है। प्रदेश में विकास के क्षेत्र में कांगड़ा और चंबा पिछड़ते जा रहे हैं। कांगड़ा और चंबा की सरकार द्वारा की जा रही अनदेखी को सहन नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला राजनीतिक नज़रिए से हिमाचल का सबसे महत्वपूर्ण जिला है। राज्य की कुल 68 विधानसभा सीटों में से 15 इसी जिले में…..कांगड़ा ही ये तय करता है कि प्रदेश में किसकी सरकार बनने जा रही है। इसलिए सरकार द्वारा कांगड़ा को नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन, सरकार की अनदेखी के कारण कांगड़ा और चंबा में विकास को ग्रहण लग गया है जबकि, प्रदेश में विकास चौतरफा होना चाहिए।
शांता कुमार को लिखूंगा पत्र
जीएस बाली ने कहा कि आज जहां कांगड़ा में एयरपोर्ट चल रहा है लेकिन इसके विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। मंडी और शिमला में तो विकास कार्यों पर काम किया जा रहा लेकिन, चंबा और कांगड़ा की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री रवि शंकर ने जो मंडी के लिए संस्थान दिया है वो मंडी छोड़ चंबा में खोले जाने चाहिए थे। जिसको लेकर शांता कुमार को पत्र लिखा जाएगा।
बीजेपी के बड़े नेता भी कांगड़ा को न्याय नहीं दिला पाए
वहीं, जीएस ने कहा कि ये बड़े दुख की बात है कि बीजेपी के बड़े नेता भी कांगड़ा को न्याय दिलाने के लिए कुछ नहीं कर पाए। आज चंबा में कोई बड़ा संस्थान खोलना बहुत आवश्यक है ताकि चंबा का विकास हो सके। आज तक केंद्र सरकार ने अपनी पार्टी के ही आला नेता के लोकसभा क्षेत्र में कोई बड़ा संस्थान नहीं दिया गया इससे लगता है कि केंद्र सरकार अपने ही नेता को नजर अंदाज कर रही है।
प्रदेश की आर्थिक हालात पर स्वेत पत्र दें मुख्यमंत्री
जीएस बाली ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वेत पत्र दें कि प्रदेश की फाइनेशियल हालात कैसे हैं और इसकी जानकारी जनता के सामने सांझा करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोन लेकर अपना काम ना निकाले बल्कि जयराम सरकार को लोन को चुकाने के बारे में भी सोचना चाहिए।
रेगुलेटरी कमीशन की दुहाई ना दे प्रदेश सरकार
बाली ने कहा कि प्रदेश सरकार रेगुलेटरी कमीशन की दुहाई ना दे। सीमेंट और बिजली दोनों प्रदेश के अंदर बन रहे हैं और दोनों के रेट कई प्रदेशों से ज्यादा है जो किसी प्रकार से जायज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सीमेंट कम्पनियों के रेट पंजाब के तर्ज पर होने चाहिए। आज हिमाचल में बिजली के बढ़ते रेट पर लगाम लगानी चाहिए। सरकार जहां बिजली और सीमेंट बाहर सस्ता दे रहे है तो हिमाचल में भी इसके रेट सेम होने चाहिए।