प्रदेश में बीते 10 दिन से चल रही 108, 102 एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल बुधवार को खत्म हो गई। एंबुलेंस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पूर्ण चंद ने बताया कि एसीएस स्वास्थ्य, लेवर कमिश्नर, एनएचएम के निदेशक और एंबुलेंस कंपनी जीवीके के एमडी और डीसी शिमला के साथ हुई बैठक में कर्मचारियों की तीनों मांगे मान ली गई हैं। सहमति के तहत अब कर्मचारी रोजाना 8 घंटे ड्यूटी करेंगे। जीवीके ने जिन 63 हड़ताली कर्मियों को एस्मा लगाने के बाद काम से निकाला था, उन सभी को भी वापस बुला लिया गया है।
वहीं, स्वास्थय मंत्री विपिन परपार ने कहा कि उन्होंने एंबुलेंस कंपनी जीवीके के एमडी को निर्देश दिए थे कि वह हड़ताल पर गए कर्मचारियों के साथ बैठ कर समझौता करें। जिसके बाद बुधवार को एसीएस स्वास्थ्य विभाग बीके अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में हड़ताल वापस लेने पर सहमति बनी। वहीं, जीवीके कंपनी ने भी हड़ताल पर गए कर्मचारियों की मांगे मान ली हैं। इसके साथ ही स्वास्थय मंत्री ने कहा कि हड़ताल खत्म होने पर अब प्रदेश में एंबुलेंस सेवा के सुचारू होंने से लोगों को हो रही परेशानी से निजात मिलेगी।
इन मुद्दों हुई सहमति
20 जुलाई तक कर्मियों के सभी वेतन और भत्ते अदा किए जाएंगे। गुरुवार सुबह आठ बजे से सभी कर्मी काम पर लौट आएंगे। जाहिर है कि प्रदेश में चल रही हड़ताल से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि एंबुलेंस को चलाने कि लिए जीवीके ने 40 ड्राइवर नियुक्त किए थे, उन्हें समायोजित करने पर भी सहमति बनी है।