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108-102 एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल कितनी जायज़ कितनी राजनीतिक

पी. चंद |

पिछले 10 दिनों ने हड़ताल पर चल रहे 108 और 102 एंबुलेंस कर्मियों ने हड़ताल भले ही वापिस ले ली गई है और कर्मचारी इसको अपनी जीत मान कर चल रहे हों लेकिन, ये मामला इतना सीधा नहीं जितना माना जा रहा है। दस दिन तक चली इस हड़ताल को राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

वहीं, स्वास्थय मंत्री विपिन परमार ने कहा कि जिस जीवीके कंपनी के ख़िलाफ हड़ताल का बिगुल फूंका गया उसके साथ कांग्रेस सरकार जाते-जाते 2020 तक समझौता कर गई थी। लेकिन, जैसे ही सरकार बदली कांग्रेस मज़दूर संगठन इंटक ने आपातकाल के कुछ कर्मियों को एकजुट कर संघर्ष का बिगुल फूंक दिया।

हालांकि चार जिलों में ही इसका असर देखने को मिला लेकिन दस दिन की लंबी हड़ताल के बाद इस पर चढ़ते राजनीतिक रंग को धोने के लिए सरकार ने आखिरकार जीवीके कंपनी को समझौता करने की सलाह दी।