➤ शिमला के संजौली में तेंदुआ रिहायशी कॉलोनी में घुसा, CCTV में कैद हुआ
➤ तीन दिन पहले बच्चे पर हमला कर चुका था तेंदुआ, लोगों में दहशत
➤ वन विभाग ने लगाया पिंजरा, निवासियों ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग की
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में तेंदुए की दहशत एक बार फिर लौट आई है। संजौली के चलोंठी क्षेत्र में शुक्रवार की शाम करीब 7 बजकर 20 मिनट पर एक तेंदुआ रिहायशी कॉलोनी में घुस आया। यह तेंदुआ एक निर्माणाधीन मकान से सड़क की तरफ भागते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। फुटेज में देखा गया कि जैसे ही तेंदुआ सड़क पार करता है, ठीक एक सेकंड बाद एक स्कूटी सवार युवक उसी रास्ते से गुजरता है। गनीमत यह रही कि तेंदुए ने उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया।
स्थानीय पार्षद ममता चंदेल ने बताया कि तीन दिन पहले भी इसी इलाके में 15 वर्षीय एक बच्चे पर तेंदुए ने हमला किया था। बच्चा घर से बाहर निकला ही था कि तेंदुए ने झपट्टा मारा, लेकिन समय रहते वह घर के भीतर भाग गया और उसकी जान बच गई। घटना के बाद से ही लोग डरे हुए हैं।

वन विभाग ने क्षेत्र में एक पिंजरा लगा दिया है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि तेंदुआ पिछले तीन-चार दिनों से रोजाना अलग-अलग जगहों पर नजर आ रहा है, इसलिए तीन-चार स्थानों पर पिंजरे लगाने की जरूरत है।
संजौली का यह इलाका घनी आबादी वाला है, जहां लक्ष्मी नारायण मंदिर भी स्थित है। यहां देर रात तक श्रद्धालु आते-जाते रहते हैं। ऐसे में लोगों को डर सता रहा है कि कहीं तेंदुआ किसी को नुकसान न पहुंचा दे।
तेंदुए के आने से मॉर्निंग वॉक करने वाले लोग भी सहमे हुए हैं। सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद कॉलोनी में दहशत का माहौल है। देर रात घर लौटने वाले लोग अब अकेले निकलने से कतराने लगे हैं।
गौरतलब है कि शिमला शहर में पहले भी तेंदुओं के हमले हो चुके हैं। हिमलेंड और लालपानी क्षेत्र में तेंदुए दो बच्चों को शिकार बना चुके हैं, जबकि धोबीघाट, भराड़ी और टूटीकंडी में तेंदुओं द्वारा राह चलते लोगों पर हमले की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। अब संजौली में तेंदुए की एंट्री ने शहरवासियों में नई दहशत पैदा कर दी है।



