➤ सांसद सुरेश कश्यप ने केंद्र योजनाओं की समीक्षा के बाद अधिकारियों पर नाराजगी जताई
➤ पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की अनुपस्थिति पर शो-कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश
➤ पंचायती राज चुनाव टालने को सरकार की विफलता और बहाना बताया
शिमला में आयोजित जिला दिशा बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में भाजपा सांसद और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने प्रदेश सरकार और प्रशासन पर कड़े सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य केंद्र की विभिन्न Central Sponsored Schemes की समीक्षा करना था, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई योजनाओं का लाभ आम जनता तक समयबद्ध तरीके से पहुंच सके। बैठक में PMGYSY, Jal Jeevan Mission, PMEGP सहित अनेक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई और कई गंभीर खामियां सामने आईं।
सुरेश कश्यप ने बताया कि हिमाचल प्रदेश को PMGSY-IV के तहत लगभग 2200 करोड़ और PMGSY-II में करीब 2600 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई है, लेकिन इसके बावजूद कई परियोजनाएं वर्षों से अधर में पड़ी हैं। यह न केवल लापरवाही को दर्शाता है बल्कि प्रदेश की विकास गति पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
उन्होंने विशेषकर PWD विभाग को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बैठक के दौरान विभाग के अधिकारी अनुपस्थित पाए गए, जो अत्यंत गंभीर और अस्वीकार्य रवैया है। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए कि संबंधित अधिकारियों को तुरंत शो-कॉज नोटिस जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि सड़कों को प्रदेश की भाग्य रेखा माना जाता है, लेकिन बारिश में हुए भारी नुकसान और स्वीकृत निधि के उपयोग में देरी चिंताजनक है।
सरकार द्वारा पंचायत चुनावों पर दिए गए वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव टालने के बहाने खोज रही है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा — “क्या स्कूल बंद हैं? क्या बसें नहीं चल रहीं? क्या मैरिज सीजन बंद है? अगर सब चल रहा है तो चुनाव क्यों नहीं?” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार डिजास्टर एक्ट का हवाला देकर केवल राजनीतिक फायदा लेना चाहती है, जबकि जनता उनके तीन साल के कार्यकाल को अच्छी तरह परख चुकी है।
उन्होंने नए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा कि देखना होगा आने वाले समय में संगठन किस दिशा में जाता है। वहीं, चार नए लेबर कोड लागू होने पर उन्होंने कहा कि इससे संगठित और असंगठित दोनों ही श्रमिक वर्गों को बड़ा लाभ मिलेगा।



