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मोदी सरकार की नई श्रम संहिताएं श्रमिकों के सम्मान और सुरक्षा को देंगी नई दिशा: अनुराग सिंह ठाकुर

➤ अनुराग सिंह ठाकुर बोले—चार नई श्रम संहिताएं मजदूरों के आत्मसम्मान व अधिकारों को मजबूत करेंगी
➤ वेतन, सामाजिक सुरक्षा, कार्य शर्तों और औद्योगिक संबंधों में बड़े सुधार
➤ मजदूरों के लिए सुरक्षा–सम्मान, कंपनियों के लिए सरल नियम — आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम


शिमला। हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई चार नई श्रम संहिताएं देश के मेहनतकश श्रमवीरों के सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों को मजबूत करने वाला ऐतिहासिक कदम हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में श्रम क्षेत्र में व्यापक सुधार करते हुए वेतन संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य व कार्य शर्त संहिता को लागू किया गया है, जिनका उद्देश्य श्रमिकों को सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण प्रदान करना है।

अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत के श्रमिक देश की रीढ़ हैं और आत्मनिर्भर भारत तथा विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को पाने में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। नई श्रम संहिताएं सुनिश्चित करेंगी कि हर वर्कर को समय पर वेतन, बेहतर सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा तथा उचित कार्य परिस्थितियां मिलें। उन्होंने कहा कि ये संहिताएं संगठित, असंगठित और गिग वर्कर्स—सभी को लाभ पहुंचाएंगी।

उन्होंने बताया कि श्रम संहिताओं में किए गए प्रमुख सुधारों में समय पर वेतन, न्यूनतम मजदूरी, एक वर्ष की सेवा पर ग्रेच्युटी, ओवरटाइम पर दोगुना भुगतान, नियुक्ति पत्र अनिवार्य, ट्रांसजेंडर वर्कर्स के लिए समान अधिकार, लिंग आधारित भेदभाव का अंत, मुफ्त स्वास्थ्य जांच और इंस्पेक्टर राज का खात्मा जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं। इनके लागू होने से मजदूरों का शोषण रुकेगा और उनकी सामाजिक सुरक्षा मजबूत होगी।

अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि नई श्रम संहिताएं उद्योग जगत के लिए भी लाभकारी होंगी, क्योंकि इससे अनावश्यक कानूनी उलझनों में कमी आएगी और उद्योग अधिक सहजता से अपने कार्यों को आगे बढ़ा सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह कदम केवल कानूनी संशोधन नहीं बल्कि आधुनिक और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक निर्णायक शुरुआत है।