➤ संजौली मस्जिद में लगभग 100 नमाज़ियों ने शांति के साथ जुम्मे की नमाज़ अदा की
➤ हिंदू संगठन बोले—न्यायालय के आदेश का इंतजार, हिंदुओं ने सहिष्णुता दिखाई
➤ नमाज़ियों ने खुशी जताई और मस्जिद के बने रहने की उम्मीद व्यक्त की
शिमला स्थित संजौली मस्जिद में शुक्रवार को जुम्मे की नमाज़ अमन और शांति के साथ अदा की गई। सुबह से ही लगभग 100 नमाज़ी मस्जिद पहुंचे और बिना किसी विरोध के नमाज़ अदा की। माहौल शांतिपूर्ण रहा और किसी तरह की बाधा नहीं आई।
नमाज़ अदा करने वालों ने शांति, आपसी भाईचारे और मस्जिद के कायम रहने की उम्मीद जताई। उनका कहना था कि विवाद के बीच भी समुदाय ने धैर्य के साथ नमाज़ अदा की और माहौल सौहार्दपूर्ण रहा।
उधर, हिंदू संगठनों ने कहा कि चूंकि मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए हिंदू पक्ष ने सहनशीलता और शालीनता का परिचय दिया है। नेताओं का कहना है कि अब फैसला अदालत से आने के बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट होगी।
हिंदू नेताओं ने यह भी कहा कि जिला अदालत द्वारा मस्जिद को अवैध करार दिए जाने के बाद यह विवाद फिर सुर्खियों में आया है। बीते दिनों उन्होंने नमाज़ पर रोक लगाने की मांग भी उठाई थी और संजौली में अनशन किया था। हालांकि मामला हाईकोर्ट पहुंचते ही उन्होंने फैसला आने तक विपक्ष न करने का निर्णय लिया।
कुछ नेताओं ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह बाहर से आने वाले मुसलमानों को संरक्षण दे रही है और शिमला को कश्मीर जैसे हालात की ओर धकेल रही है। उन्होंने कहा कि अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से नमाज़ की अनुमति नहीं दी, फिर भी लोग वहां पहुंचे, जो सरकार की नीति पर सवाल उठाता है।
नमाज़ियों का कहना है कि धर्म के नाम पर विवाद फैलाना ठीक नहीं है और हिंदू-मुस्लिम भाईचारा पहले की तरह बना रहना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि मस्जिद बनी रहे और विवाद का समाधान शांति से हो।



