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संजौली विवाद में देवभूमि संघर्ष समिति का हाशमी पर बड़ा आरोप

➤ संजौली मस्जिद विवाद में देवभूमि संघर्ष समिति का नजाकत अली हाशमी पर गंभीर आरोप
➤ समिति ने कहा — हाशमी न तो पार्टी, न प्रतिवादी; बयान ग़ैर-ज़रूरी और भ्रामक
➤ अवैध निर्माण का केस बैकग्राउंड बताते हुए कहा — पाँच मंज़िला ढांचा पूरी तरह नियमों के खिलाफ


शिमला। संजौली मस्जिद प्रकरण में ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष नजाकत अली हाशमी की प्रेस वार्ता के बाद विवाद और गहरा गया है। हाशमी द्वारा नगर निगम में नए नक़्शे की मंज़ूरी लेकर निर्माण को लीगल करवाने की बात कहने पर देवभूमि संघर्ष समिति ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

समिति के संयोजक भारत भूषण और एडवोकेट जगत पॉल ने कहा कि हाशमी का इस पूरे मामले से कोई संबंध नहीं है। न तो वह इस केस में पार्टी हैं और न प्रतिवादी। ऐसे में प्रेस वार्ता करना और बयान देना जनता को बरगलाने जैसा है। समिति ने हाशमी को जिहादी मानसिकता वाला व्यक्ति बताते हुए कहा कि हिमाचल के मुसलमानों को उनसे सतर्क रहने की आवश्यकता है।

समिति ने आरोप लगाया कि हाशमी स्वयं बालूगंज मस्जिद पर कब्ज़ा किए हुए हैं, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद वक्फ़ बोर्ड खाली नहीं करवा सका

देवभूमि संघर्ष समिति ने कहा कि वह अदालत और उसके आदेशों का सम्मान करती है। लेकिन लोगों को केस का बैकग्राउंड जानना ज़रूरी है। समिति के अनुसार, हिमाचल प्रदेश नगर निगम एक्ट में किसी भी पुराने ढांचे को तोड़ने या नया निर्माण करने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है।

समिति ने आरोप लगाया कि बिना अनुमति पहले पुराना ढांचा तोड़ा गया, उसके बाद नोटिस मिलने के बावजूद पाँच मंज़िला इमारत खड़ी कर दी गई, जो पूरी तरह नियम विरुद्ध है। समिति ने कहा कि पहले भी फैसला अवैध निर्माण के विरुद्ध आया था और उम्मीद है कि आगे भी वहीं निर्णय होगा, क्योंकि निर्माण में नियमों की पूर्ण अवहेलना की गई थी।