हिमाचल सरकार खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए खूब दावे कर रही है। लेकिन, देश में कबड्डी के शीर्ष चेहरों में शुमार अजय ठाकुर के साथ सरकारी रवैया पूरी पोल खोलने के लिए काफी है। प्रदेश में 'द ग्रेट खली' की WWE रेसलिंग को लेकर सरकार ने तो खूब प्रचार किए और दरियादिली दिखाई। यहां तक कि खली के इवेंट पर मचे बवाल को लेकर सरकार के खेल मंत्री अभी तक पिच पर डंटे हुए हैं और कार्यक्रम के पक्ष में लगातार बैटिंग कर रहे हैं। लेकिन, कबड्डी के खेल और इसके धुरंधर खिलाड़ी अजय ठाकुर के बारे में सुध लेने की किसी को फिक्र नहीं है।
कबड्डी की दुनिया में स्टार रेडर नाम से मशहूर अजय ठाकुर को सरकार भूल चुकी है। दुनिया भर में देश का नाम रौशन करने वाले इस खिलाड़ी के लिए ना सिर्फ जयराम सरकार बल्कि वीरभद्र सरकार भी उदासीन रही थी। कबड्डी विश्वकप में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले ठाकुर को आज तक 'सम्मान राशि' नहीं दी गई। पिछले 2 सालों में किसी भी सरकार ने इस स्टार रेडर के लिए सम्मान राशि की घोषणा नहीं की। जबकि, ओलिंपिक और एशियन खेलों में देश और प्रदेश के लिए मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को यह सम्मान राशि दी जा चुकी है।
अजय ठाकुर की टीम ने साल 2016 में ईरान के तेहरान में आयोजित एशियन कबड्डी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। हालांकि, तब उन्हें पुलिस विभाग में डीएसपी की नौकरी प्रदान की गई। लेकिन, जहां तक सम्मान राशि की बात है वह आज तक इस खिलाड़ी को नहीं दी गई है।