एक तो बेरोजगारी की मार और दूसरी तरफ टेट परीक्षा के लिये भारी भरकम फीस का इंतजाम करना भी मुश्किल हो रहा है। आखिर बेरोजगार कहां जाए ? बीएड बेरोजगार युवाओं के लिए ये फीस जुटाना बहुत मुश्किल हो गया है। एक तो प्रदेश के युवा बेरोजगार हैं और ऊपर से भारी-भरकम फीस बेरोजगारों से लेकर शिक्षा विभाग अपना खजाना भरे जा रहा है।
प्रदेश में एक बार फिर टेट परीक्षा का आयोजन बोर्ड करवाने जा रहा है और फिर भारी भरकम फीस वसूल रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि वेसी ही परीक्षाएं अन्य बोर्ड शिक्षा बोर्ड से आधी फीस लेकर करवाते हैं तो शिक्षा बोर्ड इतनी फीस क्यों लेता है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड की परीक्षा का रेट पिछले तीन-चार सालों से टेट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं कि फीस 800 रुपयें है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन और चयन आयोग हमीरपुर के टेस्ट के रेट 300 से 400 और राजस्व विभाग के 300 और भी अन्य विभागों के टेस्ट की फीस बहुत कम है तो फिर हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड इतनी ज्यादा फीस बेरोजगारों से क्यों वसूल रहा है।
यही परीक्षा इससे पहले हिमाचल प्रदेश चयन बोर्ड मात्र 300 से 400 रुपयें में करवाता था और आज भी चयन आयोग 300-400 रुपयें में ही परीक्षाएं करवाता है। छात्रों और उनके अभिभावकों में ने फीस कम करने की शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से मांग की है।
इस बारे में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है कि टेट परीक्षा की फीस बोर्ड ही तय करता है अगर फीस ज्यादा ली जा रही है तो इसके बारे में पता किया जाएगा।