सोलन के दाड़लाघाट में करीब 16 घंटे तक चट्टान के नीचे दबी जेसीबी के अंदर सन्नी की सांसे अटकी रही, लेकिन हिम्मत के आगे मौत को मात देकर सन्नी ने जिंदगी की जंग जीत ली है। रात करीब 9 बजे एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई थी।अंबुजा सीमेंट से जो क्रेन मंगवाई गई थी उससे भी 100 टन वजन की चट्टान नही उठाई गई।
वहीं, सनी का हौसला और NDRF का प्रयास सफल रहा और करीब पौने 11 बजे NDRF की टीम सन्नी तक पहुंचने में सफल हो गई लेकिन बाजू और टांग फंसी होने के कारण समय लग गया। साढ़े 11 बजे के करीब सन्नी की टांग को निकाल लिया गया था, इसके बाद पत्थर के नीचे से बाजू को निकालने का प्रयास शुरू हुआ।
रात एक बजे के आसपास सन्नी को ऑक्सीजन भी देनी शुरू कर दी गई । मौके पर जुटी भीड़ से रेस्क्यू ऑपरेशन में खासी परेशानी का सामना पुलिस को करना पडा, लिहाजा हल्के बल का इस्तेमाल भी आखिरकार सोमवार सुबह 6 बजे सन्नी को सकुशल निकाला गया। इसके बाद उसे सीधे ही आइजीएमसी शिमला भेज दिया गया, जहां सनी का ईलाज चल रहा है।
गौरतलब है कि दाड़लाघाट में मकान के काम के लिए कटिंग कर रही जेसीबी के ऊपर भारी भरकम पत्थर आ गिर गया था जिसमें जेसीबी में चालक भी बुरी तरह फंस गया था।