देवभूमि हिमाचल तस्करों के निशाने पर हैं और प्रदेश के राजनेता इसपर राजनीति करने से बाज़ नहीं आ रहे। नशे के कारोबार का ठीकरा पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लग़ातार जारी है।
विपक्ष के आरोपों पर जयराम सरकार में वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पूर्व सरकार में उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री पर नशा ख़ोरो पर तस्करो को संरक्षण देने का आरोप लगाया। मंत्री ने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री के विधानसभा क्षेत्र से नशे का कारोबार शुरू हुआ है। खनन माफियाओं को संरक्षण देते हुए अग्निहोत्री ने ऊना को नशे का हब बनाया। यहां तक कि कोई भी अधिकारी ऊना में जाने को तैयार तक नहीं होता।
वहीं, सीएलपी मुकेश अग्निहोत्री ने मंत्री के आरोपों को बचकाना बताते हुए सिरे से ख़ारिज किया और जांच करवाने की बात कही। अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार नशे के खिलाफ कड़े कदम उठाने में फेल साबित हुई है, जिसके चलते विपक्ष पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं। साथ ही अग्निहोत्री ने ये भी कहा कि यदि सरकार नशे के ख़िलाफ कोई भी अभियान चलाती है तो उस मुहिम में विपक्ष का पूरा सहयोग रहेगा। पंजाब में जिस तरह नशा तस्करों को फांसी का सज़ा का प्रावधान है, उसी तर्ज पर हिमाचल में भी रूल लागू होनी चाहिए।
ग़ौरतलब है कि बीते शनिवार पुलिस ने दिल्ली से एक बड़े तस्कर नाइजीरियन को ग़िरफ्तार किया था। सूत्रों की माने तो इस नाइजीरियन का हिमाचल में नशा फैलाने में बड़ा हाथ है। इसके साथ ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि आगामी दिनों में हिमाचल बड़े नशे के कीचड़ में धंसने वाला है। इसके खिलाफ कोई कदम उठाने के बजाय राजनेताओं की ये आपसी लड़ाई प्रदेश में कारोबार को फलने-फूलने की देने की बड़ी वज़ह बन नज़र आ रही है।