लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बेहद ही आक्रमक रुख अपनाते हुए दिखाई दिए। उनकी आक्रामक भाषा शैली और आरोपों पर सत्ता पक्ष बुरी तरह तिलमिला गया। राहुल के आरोपों के बाद उठे हंगामे के बीच सदन को थोड़ी देर के लिए स्थगित करना पड़ा।
राहुल गांधी ने स्थगन से पहले किसान, राफायेल डील, विदेश नीति और अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार को घेरा। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी पर पूंजीपतियों के साथ मेलजोल को भी कटघरे में खड़ा किया। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर सीधे-सीधे बिना नाम लिए देश के सबसे बड़े उद्योगपति पर मेहरबानी दिखाने का आरोप लगाया।
राहुल ने पीएम मोदी पर अमित शाह के बेटे जयंत शाह को भी लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अपने मित्र के बेटे पूंजी अचानक पढ़ने पर भी चुप्पी साधे रखी। राहुल गांधी अपने भाषण में लगातार पीएम मोदी को उद्योगपतियों के साथ मिलीभगत पर निशाना बनाते हुए दिखाई दिए।
उन्होंने राफायेल डील पर डिफेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण को भी घेरे में लिया। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री पीएम मोदी के इशारे पर देश से झूठ बोलने का काम कीं। उन्होंने कहा कि निर्मला सीतारमण ने पहले देश को लड़ाकू विमान खरीद की कीमत बताने वाली थीं। लेकिन, बाद में भारत-फ्रांस के साथ सीक्रेसी पैक्ट का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया। राहुल ने सदन में कहा कि जब वे इस मामले में फ्रांस के राष्ट्रपति से बातचीत किए तो उन्होंने सीक्रेसी पैक्ट वाली बात को खारिज कर दिया।
राहुल की तल्ख टिप्पणियों पर सत्ता पक्ष ने कई बार आपत्ति जताई। लोकसभा स्पीकर ने राहुल को इस दौरान तीन बार भाषा शैली को लेकर टोका भी। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री ने नियम 353 का हवाला देते हुए सदन में अमर्यादित आरोप नहीं लगाने की बात कही। बाद में दोनों तरफ से हंगामा इतना बढ़ा कि सदन को पौने 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।