लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल के राफेल डील पर दिए बयान को फ्रांस ने झुठला दिया है।फ्रांस की सरकार ने राहुल गांधी के आरोप को खारिज किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने भारत के साथ राफेल डील समेत तमाम रक्षा सौदों को सार्वजनिक नहीं करने की बात कही है। जबकि, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह अपने बयान पर कायम है।
राहुल गांधी ने कहा कि जब उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात की थी तो उस दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह भी थे। फ्रांस के राष्ट्रपति ने रक्षा सौदे में गोपनीयता की संधी की बात को खारिज किया था।
गौरतलब है कि सदन में राहुल गांधी ने राफेल डील के संबंध में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पहले निर्मला सीतारमण ने देश को राफेल डील मामले में विमान की कीमत का खुलासा करने की बात कही थी। लेकिन, गोपनीयता की संधि का हवाला देकर जानकारी देने से इनकार कर दिया। जबकि, फ्रांस के राष्ट्रपति ने मुझसे किसी भी गोपनीय संधि की बात से इनकार किया था। राहुल ने कहा कि इस संबंध में रक्षा मंत्री ने मोदी के इशारे पर देश से झूठ बोला।
राहुल के इस गंभीर आरोप पर तुरंत ही फ्रांस की तरफ से प्रतिक्रिया आ गई। फ्रांस की सरकार ने कहा कि दोनों देशों के बीच गोपनीय संधि पर 2008 में ही हस्ताक्षर हुए थे। जिनमें रक्षा सौदों की जानकारी सार्वजनिक नहीं करने की बात थी। इसके बाद 2016 में भी हुए करार में 2008 संधि की शर्तों को शामिल किया गया।