कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस वर्किंग कमेटी से ड्रॉप किए गए कमलनाथ ने लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से दूरी बना ली है। दूरी ही नहीं बल्कि उन्होंने परोक्ष रूप से 'नो कॉन्फिडेंस मोशन' की जरूरत पर भी सवाल खड़े कर दिए।
मध्य प्रदेश चुनाव की कमान संभाले हुए कमलनाथ ने कहा कि उनके लिए अविश्वास प्रस्ताव से ज्यादा जरूरी है मध्य प्रदेश के चुनावी मीटिंगों को देखना। मैंने 38 साल में ऐसे बहुत सारे अविश्वास प्रस्ताव देखे हैं, मुझे इनका पूरा अनुभव है।
इसी दौरान वहां मौजूद एक पत्रकार ने जब पूछा कि आप तो वरिष्ठ सांसद हैं फिर ?? इस पर कमलनाथ ने कटाक्ष भरे अंदाज में कहा, 'अब नहीं हैं तो नहीं है.'
कमलनाथ को हाल ही में कांग्रेस की वर्किंग कमेटी से बाहर कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इस कदम से वह नाराज़ हैं और इसी वजह से उन्होंने सदन में अविश्वास प्रस्ताव से दूरी बना ली। गौरतलब है कि यह अविश्वास प्रस्ताव टीआरएस ने लाया है। जिसके समर्थन में कांग्रेस ने बाकी दलों को जोड़ा है और मोशन को मुकम्मल बनाने की कोशिश की है।