क़ौशल विकास के तहत ट्रेन्ड किए गए HRTC ट्रेनी कंडक्टर अपनी मांगों को लेकर काफी समय से परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से मिलने के प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, सचिवालय के बाहर हड़ताल तुड़वाने के बाद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। बुधवार को भी ट्रेनी कंडक्टरों ने उनसे मुलाक़ात करनी चाही, लेकिन मंत्री ने ये कहकर टाल दिया कि उन्हें मीटिंग में जाना है। हालांकि, उन्हें शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का वक्त जरूर मिला जिसमें उन्होंने सरकार के फैसलों को मीडिया के सामने रखा।
ग़ौरतलब है कि इन ट्रेनी कंडक्टरों ने सचिवालय के बाहर पहले भी हड़ताल की थी। इनकी मांगें है कि प्रदेश में जितने भी ट्रेनी कंडक्टर हैं उनके लिए कोई रेगूलर नीति बनाई जाए। पिछली बार हुई हड़ताल में HRTC के क़रीब 250 रूट बाधित हुए थे। उस समय मंत्री ने आश्वासन देकर हड़ताल को ख़त्म करवाया था, लेकिन अब उनके आश्वासन भी जुमला बनते नज़र आ रहे हैं।