मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सीमा सड़क संगठन और इस राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का निर्माण कर रही स्ट्रॉबेग एजी एफकॉन्स जेवी कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रोहतांग सुरंग के कार्य की प्रगति का जायजा लिया। इसके बाद सीएम जय राम ठाकुर ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस परियोजना को जल्द से जल्द देश को समर्पित करने के उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नीतिन गड़करी रोहतांग सुरंग के निर्माण की प्रगति का जायजा लेने आ रहे थे लेकिन, मौसम की खराबी के कारण वह यहां नहीं पहुंच सके।
उन्होंने कहा कि नौ किलोमीटर लम्बी इस सुरंग के निर्माण पर कुल 4083 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने कहा कि सेरी नाले का प्रबंधन इस सुरंग के निर्माण में आने वाली सबसे बड़ी बाधा थी तथा सुरंग के 600 मीटर भाग के निर्माण में लगभग चार वर्षों का समय लग गया। उन्होंने कहा कि सुरंग न केवल सभी मौसमों में लाहौल घाटी के लिए आवागमन की सुविधा उपलब्ध करवाएगी, बल्कि पर्यटकों को लाहौल स्पिति की खूबसूरती देखने का भी मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह सुरंग सामरिक महत्व की भी है क्योंकि यह सभी मौसमों में लेह-लदाख तथा चीन की सीमा तक आवागमन की सुविधा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यह सुरंग एक वैज्ञानिक चमत्कार है तथा चालू होने के बाद दुनियाभर के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करेगी। उन्होंने कहा कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना अगले वर्ष नवबंर में बनकर तैयार हो जाएगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार रोहतांग सुरंग को पर्यटन से जोड़ने का प्रयास करेगी तथा यह स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार एवं रोजगार के साधन उपलब्ध करवाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस सड़क पर लेह तक तीन और सुरंगों का निर्माण करने पर विचार कर रही है क्योंकि सामरिक महत्व की सड़क होने के साथ-साथ इससे 100 किलोमीटर की दूरी तथा सात घंटे के समय की बचत होगी।
मुख्यमंत्री के लाहौल-स्पिति के सिसू पहुंचने पर लोगों ने कृषि एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. रामलाल मारकण्डा की अगवाई में पारम्परिक ढंग से उनका स्वागत किया।