हिमाचल में लगातार तीन दिन से हो रही बारिश का दौर थमने से लोगों ने राहत की सांस ली है। राजधानी शिमला सहित आसपास के इलाकों में रविवार को दिन भर बारिश नहीं हुई। कुछ देर के लिए यहां धूप भी निकली। लगातार हो रही बारिश ने लोगों को मुश्किल में डाल दिया था तथा आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
हालांकि, पूर्व में हुई बारिश के चलते कई क्षेत्रों में मुश्किलें अभी भी बरकरार हैं और भूस्खलन और पेड़ों के गिरने से जान-माल को भारी नुकसान पहुंच रहा है। कुल्लू जिले के आनी उपमंडल के तहत बागीपुल-जाओ सड़क मार्ग पर एक चलती कार के भूस्खलन की चपेट में आने से चालक की मौत हो गई। काल की ग्रास बना चालक पेशे से डॉक्टर था।
राजधानी शिमला के उपनगर कुसुंपटी में पासपोर्ट कार्यालय के पास हुए भूस्खलन में पांच कारें दब गईं, वहीं एक रिहायशी भवन खतरे की जद में आ गया था। भूस्खलन की यह घटना विगत रात को हुई और गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। जिले के कुमारसेन इलाके में भूस्खलन से पांच मंजिला निर्माणाधीन भवन धराशायी हुआ। इस घटना में भी कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है।
उपनगर खलीनी में दो पेड़ों के सड़क के बीचों-बीच गिरने से सड़क मार्ग अवरूद्व हुआ। बारिश के चलते शिमला नगर की पेयजल परियोजनाओं में गाद की मात्रा बढ़ गई है। इससे इन परियोजनाओं से पानी के लिफ्ट न होने से शहर में पेयजल की किल्लत बढ़ गई है। रविवार को शहर के अधिकांश क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई। है। बारिश की वजह से प्रदेश भर में आईपीएच विभाग की अनेकों परियोजनाएं बंद हो गई हैं। वहीं भूस्खलन से 300 से अधिक सड़कें अवरूद्व थीं, जिनमें कुछ सड़कों को छोड़कर अधिकांश सड़कें अभी भी अवरूद्व हैं।
मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि बीते 24 घंटों के दौरान बारिश में कमी आई है। इस अवधि में सिरमौर जिले के पच्छाद में सर्वाधिक 49 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा नाहन में 45, धर्मशाला और कोटखाई में 42, पांवटा साहिब में 38, राजगढ़ में 36, मंडी में 27, कुफरी में 23, सराहन में 22, सोलन में 21, रेणुका में 20, बिजाई में 18, शिमला और सुन्नी भाज्जी में 14, मनाली तें 11, रामपुर, कुमासेन और नगरोटा सरियां में 10, जोगेंद्रनगर व भुंतर में 8 मिलीमीटर बारिश हुई।
उन्होंने कहा कि आगामी चार अगस्त तक राज्य में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। लेकिन इस दौरान मूसलाधार बारिश की संभावना नहीं है।